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विकसित भारत के लक्ष्य को दृष्टि में रखता हुआ अंतरिम बजट

उज्जैन। हाल ही में प्रस्तुत केंद्रीय अंतरिम बजट भारत के लिए सन 2047 तक विकसित देश के रूप में बनने की प्रक्रिया का एक हिस्सा है। आयुष्मान योजना, आधारभूत संरचना का विकास , रेलवे कोच को अपग्रेड करके वंदे भारत ट्रेन की तर्ज पर बनाना, तीन रेलवे कॉरिडोर का निर्माण आदि कदम महत्वपूर्ण हैं ।

उक्त उद्गार विक्रम विश्वविद्यालय की वाणिज्य अध्ययनशाला के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. शैलेंद्र भारल ने व्यक्त किए। आप शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय दशहरा मैदान के वाणिज्य विभाग द्वारा आयोजित बजट परिचर्चा में विषय विशेषज्ञ के रूप में बोल रहे थे।

दूसरे विषय विशेषज्ञ कंपनी सेक्रेटरी श्री नयन सबलोक ने विभिन्न आंकड़ों के प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि, अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में आवश्यकता के अनुरूप बजट में राशि का आवंटन किया गया है। कम संसाधनों के साथ बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास किया गया है।

अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. हेमंत गहलोत ने कहा कि, किसी भी राष्ट्र के विकास करने के लिए बजट महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।

विषय प्रवर्तन एवं स्वागत भाषण देते हुए परिचर्चा संयोजक एवं वाणिज्य विभागाध्यक्ष डॉ. निखिल जोशी ने कहा कि, इस बजट में युवा, गरीब, महिला और किसान को लक्ष्य कर प्रावधान किए गए हैं । आयकर स्लैब में कोई परिवर्तन न होना कुछ लोगों के लिए निराशाजनक रहा है ।

इस परिचर्चा के आयोजन में डॉ. अर्चना सिंह चौहान, श्रीमती सारिका भावसार, श्री अनिल सिंह पटेल एवं डॉ. अमरीन खान का प्रशंसनीय योगदान रहा ।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. श्रद्धा काबरा ने किया। आभार डॉ. अर्पिता त्रिवेदी ने माना। इस बजट परिचर्चा से बड़ी संख्या में महाविद्यालय के प्राध्यापक एवं छात्राएं लाभान्वित हुईं।

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