भोपाल। भारत सरकार विदेश मंत्रालय द्वारा संचालित भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग कार्यक्रम इंडियन टेक्निकल इकनोमिक कोऑपरेशन के अंतर्गत एनआईटीटीटीआर भोपाल द्वारा “समावेशी शिक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग" विषय पर कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ।
उद्घाटन सत्र में निदेशक प्रो. सी.सी. त्रिपाठी ने कहा कि, भारत "वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर" की मूल भावना पर विश्वास करते हुए सभी को अपने विकास एवं ग्रोथ में सहभागी बनाना चाहता है। समावेशी शिक्षा एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे बिना किसी भेदभाव व अंतर के समाज के प्रत्येक वर्ग के बच्चों को एक स्तर पर लाने के लिए एक साथ शिक्षा प्रदान की जाती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में समता, समानता ,पहुँच ,समावेशन को प्राथमिकता दी गयी है।सामाजिक, आर्थिक या सांस्कृतिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना सभी को शैक्षिक अवसरों और संसाधनों तक समान पहुँच प्राप्त है। भारत में हर क्षेत्र में डिजिटल क्रांति का सूत्रपात हो चुका है।
कार्यक्रम में बुल्गारिया, लेबनॉन , इथियोपिया, मोरक्को , इंडोनेशिया , बोत्सवाना , भूटान, ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान, चिली, मारिसस, दक्षिण सूडान सहित 14 देशों के प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम में विशेष अतिथि श्री आर पी द्विवेदी सहित डॉ आशीष देशपांडे, डॉ पराग दुबे , डॉ आर के दीक्षित, डॉ संजय अग्रवाल, डॉ पी के पुरोहित, डॉ अंजना तिवारी, डॉ संदीप केदार, डॉ सुब्रत रॉय एवं अन्य संकाय एवं अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम की संयोजक डॉ रोली प्रधान हैं।
Comments