राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के तत्वावधान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सन्गोष्टी जिसका विषय सबके राम सब में राम में मुख्य अतिथि के रूप में श्री सुरेश चंद्र शुक्ल शरद आलोक नॉर्वे ने अपना मंतव्य देते हुए कहा- कि आज संपूर्ण विश्व इस उत्सव को मना रहा है।
विशिष्ट अतिथि डॉ .शहाबुद्दीन नियाज मोहम्मद शेख, पुणे ,महाराष्ट्र , कार्यकारी अध्यक्ष नागरी लिपि परिशद् ने कहा श्री राम संपूर्ण भारतीय संस्कृति की चेतना के प्राण तत्व हैं ।
मुख्य वक्ता डॉ.शैलेंद्र कुमार शर्मा ,हिंदी विभागाध्यक्ष एवं कुलानुशासक, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन ने कहा कि हिंदुओं के लिए रामायण वेद के समान है और मुस्लिम के लिए कुरान के समान है ।
अध्यक्षीय भाषण में श्री बीके शर्मा, अध्यक्ष राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने कहा कि- राम शब्द में पूरा जीवन समाया है।
श्री हरेराम वाजपेई ने कहा कि- पहले परिवारों में भगवान के नाम पर ही बच्चों के नाम रखे जाते थे। श्रीमती सुवर्णा जाधव राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने कहा- श्रीराम नाम स्मरण से ही मोक्ष की प्राप्ति होती है ।
डॉ .अनसूया अग्रवाल , राष्ट्रीय संयोजक, छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने कहा -झोपड़ी हमारा हृदय है जिसके भाग खुलने वाले हैं।
डॉ.मुक्ता कान्हा कौशिक, राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने कहा- छत्तीसगढ़ श्री राम जी का ननिहाल है।
राष्ट्रीय संयोजक डॉ .अरुणा शुक्ला ने कहा- राम हमारे अन्न जल के समान हैं।
डॉ. शाकिर शेख ने कहा कि- लोक रक्षक का रूप प्रधान है। श्री राम आदर्श के प्रतिपादक हैं।
कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. रश्मि चौबे, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, महिला इकाई राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने किया।
कार्यक्रम की शुरुआत श्रीमती अरुण सराफ जी की सरस्वती वंदना से हुई।
प्रस्तावना मे डॉ.प्रभु चौधरी, महासचिव, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना, उज्जैन ने कहा कि-भगवान श्री राम विश्व में पूजे जाते हैं राम काव्य में सभी धर्मों का सम्मान किया गया है साम्प्रदायिक शब्दों को लेकर कहीं भी बात नहीं की है। स्वागत भाषण डॉ. रश्मि चौबे ,गाजियाबाद ने किया और आभार व्यक्त श्रीमती श्वेता मिश्रा, राष्ट्रीय सचिव,पुणे ,महाराष्ट्र ने किया। कार्यक्रम में कृष्णा मणिश्री डॉक्टर शहनाज शेख रजनी प्रभा सन्ध्या सिंह डॉ कृष्णा जोशी आदि अन्य अनेक विद्वान उपस्थित रहे।
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