Skip to main content

विश्वविद्यालय स्वामी विवेकानंद जैसे महापुरुषों की जीवनी अपने विद्यार्थियों को पढ़ाने और पाठ्यक्रम में शामिल करने का प्रयास करेगा, जिससे विद्यार्थी भी प्रेरित होते रहें और अपने जीवन लक्ष्य को प्राप्त कर सकें – कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन

हर साल 12 जनवरी को पूरे भारतवर्ष में उत्साह और खुशी से राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। इसी दिन स्वामी विवेकानंद जी की जयंती मनाई जाती है। 1984 में भारत सरकार द्वारा स्वामी विवेकानंद की जयंती के दिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की गई और 1985 से हर साल 12 जनवरी यानी स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन पर राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन को युवा दिवस के रूप में मनाए जाने का उद्देश्य स्वामी विवेकानंद के विचार और आदर्शों के महत्व को बढ़ावा देना है। उनका जन्मदिन राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाए जाने का प्रमु्ख कारण उनका दर्शन, सिद्धांत, अलौकिक विचार और उनके आदर्श हैं, जिनका उन्होंने स्वयं पालन किया और भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी उन्हें स्थापित किया। उनके ये विचार और आदर्श युवाओं में नई शक्ति और ऊर्जा का संचार कर सकते हैं और उनके लिए प्रेरणा का एक उम्दा स्रोत साबित हो सकते हैं।      

स्वामी विवेकानंद ने युवा शक्ति का आवाहन करते हुए कहा था कि ‘समस्त शक्तियाँ तुम्हारे पास हैं, तुम कुछ भी कर सकते हो। उन्होंने कहा कि किसी भी देश के युवा उसका भविष्य होते हैं। उन्हीं के हाथों में देश की उन्नति की बागडोर होती है। आज के परिदृश्य में चहुं ओर मूल्यह्रास, बुराई, अपराध का बोलबाला है जो घुन बनकर देश को अंदर ही अंदर खाए जा रहे हैं। ऐसे में देश की युवा शक्ति को जागृत करना और उन्हें देश के प्रति कर्तव्यों का बोध कराना अत्यंत आवश्यक है। विवेकानंद जी के विचारों में वह क्रांति और तेज है जो सारे युवाओं को नई चेतना से भर दे, उनके दिलों को भेद दे और उनमें नई ऊर्जा और सकारात्कमता का संचार कर दे। भारत की आधी से अधिक जनसंख्या युवा है और  इसीलिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी अपने वक्तव्य में युवा शक्ति का आवाहन करते हुए उनसे भारत को एक नई दिशा पर पहुंचाने की अपील करते हैं। यह परम सत्य है कि अगर भारत के युवा एकत्रित हो जाएं और टीम भावना से आगे बढ़ें तो भारत विश्वगुरु होने के अपने प्राचीन गौरव को पुनः प्राप्त कर लेगा। विक्रम विश्वविद्यालय ने भी अपने स्तर पर नई शिक्षा लागू कर और विभिन्न रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम प्रारम्भ कर युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में अपना योगदान देने का प्रयास किया है, और आगे भी करता रहेगा। विश्वविद्यालय स्वामी विवेकानंद जैसे महापुरुषों की जीवनी भी अपने विद्यार्थियों को पढ़ाने का और पाठ्यक्रम में शामिल करने का प्रयास करता रहेगा जिससे विद्यार्थी भी प्रेरित होते रहें, और अपने जीवन लक्ष्य को प्राप्त कर सकें। 

स्वामी विवेकानन्द जी की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए भारत के समस्त युवाओं से स्वामी जी के सपनों के अनुरूप पांच संकल्पों विकसित भारत, गुलामी से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता एवं नागरिक कर्तव्यों को आत्मसात करने की अपील करता हूं।

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं