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विक्रमेश्वर महादेव मंदिर पर हुआ सुंदर कांड, प्रवचन एवं प्रसादी का आयोजन

दिव्य भारत निर्माण यात्रा के लिए विक्रम विश्वविद्यालय परिसर की पावन मिट्टी अर्पित की गई

उज्जैन: विक्रम विश्वविद्यालय स्थित विक्रमेश्वर महादेव मंदिर पर सुंदर कांड, प्रवचन एवं प्रसादी का आयोजन सम्पन्न हुआ। इस दौरान दिव्य भारत निर्माण यात्रा के लिए विक्रम विश्वविद्यालय परिसर की पावन मिट्टी अर्पित की गई। हनुमान गढ़ी, अयोध्या के महंत गुरु महेश योगी ने अपने प्रवचनों से उपस्थित जनों को लाभान्वित किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय उपस्थित थे। 

हनुमान अष्टमी के पावन अवसर विक्रम विश्वविद्यालय आवासीय परिसर के रहवासियों द्वारा सुंदर कांड एवं प्रवचन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी और कर्मचारीगण के अतिरिक्त हनुमान गढ़ी, अयोध्या के ब्रह्मर्षि स्वामी महेश योगी विशेष रूप से उपस्थिति थे। ब्रह्मर्षि स्वामी महेश योगी ने अपने उद्बोधन में कहा कि श्रीराम के द्वारा लंका विजय के लिए बनाए गए सेतु में  महावीर हनुमान जी के साथ छोटी सी गिलहरी की भी अपनी विशिष्ट भूमिका रही है, जिसे भगवान श्रीराम ने सराहा था।  

उल्लेखनीय है कि स्वामी महेश योगी के संयोजन में दिव्य सनातन धर्म कुंभ के अंतर्गत दिव्य भारत निर्माण ट्रस्ट, अयोध्या द्वारा दिव्य भारत निर्माण यात्रा एवं दिव्य योग धाम की स्थापना हेतु देश के विभिन्न भागों में जाकर कलश में स्थान स्थान की पवित्र मिट्टी एकत्रित की जा रही है। इसी शृंखला में गुरुवार को माननीय कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय द्वारा अयोध्या से पधारे महंत श्री महेश योगी जी को कलश में मिट्टी अर्पित की गई। कार्यक्रम में कुलपति प्रो पांडेय ने कहा कि यह हमारे लिए अत्यंत हर्ष की बात है कि हमें इस महान कार्य से जुड़ने का अवसर मिल रहा है। वे इस अभियान से जुड़ कर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। माननीय कुलपति जी ने महंत जी को इस अभियान की सफलता के लिए पूरे विश्वविद्यालय की ओर से  मंगलकामनाएं दी। 

इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि यह एक अत्यन्त सुन्दर अवसर है कि जब हम अपनी एकता की भावनाएं व्यक्त कर सकते हैं। दिव्य भारत निर्माण यात्रा के माध्यम से संचित की जा रही देश की पवित्र मिट्टी से हम अपने देश की राष्ट्रीय - भावात्मक एकता में सहभागी बन सकते हैं। 

कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन डीएसडब्ल्यू प्रो सत्येंद्र किशोर मिश्रा ने किया।

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