- युवा उत्सव अपनी कला प्रतिभा और कौशल के प्रदर्शन का श्रेष्ठ अवसर है - श्रीमती कलावती यादव
- विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में आयोजित अंतरजिला युवा उत्सव का हुआ शुभारंभ
- 18 जनवरी को माननीय विधायक श्री अनिल जैन कालूहेड़ा के मुख्य आतिथ्य में होगा समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह
- 17 जनवरी को प्रातः उद्घाटन के बाद विभिन्न विधाओं में विश्वविद्यालय परिक्षेत्र के 7 जिलों के 350 विद्यार्थी दे रहे हैं अपनी प्रतिभा का परिचय
उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा विकसित भारत अभियान 2047 के परिप्रेक्ष्य में दो दिवसीय अंतरजिला युवा उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। 17 से 18 जनवरी 2024 तक आयोजित इस उत्सव में विश्वविद्यालय परिक्षेत्र के सात जिलों के लगभग साढ़े तीन सौ विद्यार्थी भाग ले रहे हैं।
युवा उत्सव में 22 विधाओं के अंतर्गत प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं। उत्सव का उद्घाटन समारोह दिनांक 17 जनवरी को प्रातः स्वर्ण जयंती सभागार में उज्जैन नगर निगम की माननीया सभापति श्रीमती कलावती यादव के मुख्य आतिथ्य में हुआ। अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने आयोजन में विशिष्ट अतिथि विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अनिल शर्मा, कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा एवं डीएसडब्ल्यू प्रो सत्येंद्र किशोर मिश्रा ने विचार व्यक्त किए।
उद्घाटन समारोह की मुख्य अतिथि उज्जैन नगर निगम की सभापति श्रीमती कलावती यादव ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि युवा उत्सव नई पीढ़ी के लिए अपनी कला प्रतिभा और कौशल के प्रदर्शन का श्रेष्ठ अवसर है। युवा वर्ग आने वाले दौर की जरूरतों के अनुरूप अपनी प्रतिभा को विकसित के लिए इस तरह के आयोजनों में सक्रिय भागीदारी करें। वे सफल अवश्य होंगे। प्रत्येक विद्यार्थी को शिक्षा के साथ-साथ, कला के क्षेत्र में भी अपने कौशल का प्रदर्शन करना चाहिए, तभी उनके व्यक्तित्व का संपूर्ण विकास हो सकता है।
अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने कहा कि युवाओं को अपनी शिक्षा के साथ कला, खेल या किसी भी रचनात्मक विधा में कौशल प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए। ये जीवन में उपयोगी सिद्ध होती हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कौशल विकास एवं कलाओं के संवर्धन पर विशेष ध्यान दिया गया है। प्रत्येक मनुष्य में एक कला निहित होती है जो जीवन के प्रत्येक चरण में लाभदायक सिद्ध होती है।
विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अनिल शर्मा ने कहा कि कला के माध्यम से ही जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता के साथ-साथ रोजगार भी प्राप्त किया जा सकता है।
कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा ने अपने उद्बोधन में बतलाया कि विगत 30 वर्षों से यह आयोजन किया जा रहा है। विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा विगत कई वर्षों से विद्यार्थियों की कला को संवर्धित किया गया है।
विद्यार्थी कल्याण संकाय अध्यक्ष डॉ एस के मिश्रा ने बतलाया कि इस युवा उत्सव में कुल 350 विद्यार्थी भाग ले रहे हैं जो लगभग सात जिलों के अन्य विद्यालयों से लगभग लगभग दो लाख विद्यार्थियों में से चयनित होकर आए हैं। उज्जैन संभाग के प्रत्येक जिले से प्रतिभागियों के दल यहां पर अपने कौशल का प्रदर्शन कर रहे हैं।
इस विशेष अवसर पर डॉ शिवी भसीन द्वारा लिखित पुस्तक मोती उत्पादन का विमोचन किया गया।
उद्घाटन के बाद विभिन्न प्रतियोगिताएं हुईं, जिनमें एकल शास्त्रीय नृत्य, समूह नृत्य, प्रश्नमंच, चित्रकला, मूर्तिशिल्प, कोलाज, नाट्य आदि प्रमुख हैं। अतिथियों को स्मृति चिह्न डीएसडब्ल्यू प्रो सत्येंद्र किशोर मिश्रा ने अर्पित किए।
नृत्य, संगीत, नाट्य, साहित्य, चित्रकला आदि क्षेत्रों से जुड़ीं विभिन्न स्पर्धाएं विक्रम विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन परिसर में स्थित स्वर्ण जयंती सभागार, विधि अध्ययनशाला एवं पत्रकारिता और जनसंचार अध्ययनशाला में आयोजित की जा रही हैं। स्पर्धा आयोजन के लिए विभिन्न समितियों का गठन किया गया है जो इस उत्सव के सफल आयोजन के लिए सहयोग कर रही हैं।
उद्घाटन समारोह का संचालन डॉ विश्वास तिवारी ने किया। आभार प्रदर्शन कुलसचिव डॉ अनिल शर्मा ने किया।
समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह होगा 18 जनवरी को
युवा उत्सव का समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह 18 जनवरी को दोपहर 2:30 बजे माननीय विधायक श्री अनिल जैन कालूहेड़ा के मुख्य आतिथ्य में होगा। विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती सभागार में आयोजित इस समारोह की अध्यक्षता कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय करेंगे। विशिष्ट अतिथि कार्यपरिषद सदस्य श्री संजय नाहर होंगे।
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