Skip to main content

बुंदेलखंड को हम सब मिलकर बनायेंगे औद्योगिक हब - मुख्यमंत्री डॉ. यादव

विधायकों से समन्वय कर योजनाएँ तैयार करें कलेक्टर

शराब की अवैध बिक्री, जुआं-सट्टा पर सख्ती से कार्रवाई करें

सागर संभागीय समीक्षा बैठक में दिये निर्देश

भोपाल : शनिवार, जनवरी 20, 2024 । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुन्देलखण्ड को औद्योगिक हब के रूप में विकसित करने के लिये जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को समन्वयपूर्वक कार्य करने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि हम सबके समन्वित प्रयासों से ही बुन्देलखण्ड औद्योगिक हब के रूप में विकसित होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सागर संभागीय मुख्यालय में संभागीय समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि औद्योगिक रूप में विकसित करने पर क्षेत्र में अधिक से अधिक रोजगार सृजित होंगे और अधिकतम लोगों को रोजगार के अवसर सुलभ होंगे। उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों को अपने-अपने जिलों में शराब की बिक्री और जुएं-सट्टे पर सख्ती से कार्रवाई के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आज सागर संभाग की कानून एवं व्यवस्था तथा विकास कार्यो की समीक्षा में निर्देशित किया कि सभी कलेक्टर जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय बनाकर अपने-अपने जिले के विकास की कार्य योजना तैयार करें। 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सागर में आगामी जून माह से राज्य स्तर का विश्वविद्यालय प्रारंभ होगा,  जिससे सभी नजदीकी कॉलेज संबंध्द होंगे। कॉलेज अपने-अपने स्तर पर रोजगारमूलक विषय प्रारंभ करेगें, जिससे शिक्षा के साथ रोजगार के अवसर भी मिल सकेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सभी कलेक्टर एवं जनप्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्र में जनहित में जो भी कार्य आवश्यक है, उनको प्राथमिकता के साथ पूरा करें और नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने में लगातार प्रयास करें।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निर्देशित किया कि ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग में शासन की गाइड लाइन के आधार पर ही अनुमति दी जाएं। उन्होंने कहा कि बैंडबाजा वालों को प्रोत्साहन देने के लिए उनकी प्रतियोगिताएं करायें। डीजे वालों के लिए केवल दो बाक्स आधारित साउंड की अनुमति प्रदान की जावे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मांस, मछली, अंडा का विक्रय कवर्ड परिसर में ही किया जावे। इसके लिए सभी का पंजीयन आवश्यक हो। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में मांस, मछली, अंडा का खुले में विक्रय न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समीक्षा बैठक में ही सभी कलेक्टर एवं पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने जिले के विधायकों सहित अन्य जनप्रतिनिधियों को सम्मान दे तथा शिष्टाचार का निर्वहन करें। साथ ही उनके द्वारा बताए गए कार्यों को प्राथमिकता के साथ पूर्ण करें।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निर्देशित किया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के हर व्यक्ति को योजना से लाभान्वित करने के सपने को साकार करने के लिये निकली विकसित भारत संकल्प यात्रा में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायकों की कठिनाइयों के निराकरण के लिए सभी संभागों में दो-दो वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया गया है। विधायकों की जो भी कठिनाई होगी, उसके निराकरण में वरिष्ठ अधिकारी सहयोग करेंगे। आपसी तालमेल से समस्याओं का हल किया जाए। उन्होंने बताया कि केन बेतवा लिंक परियोजना का जल्द भूमि पूजन से शुभारंभ होगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि कलेक्टर विधायकों के साथ में जिलों में बैठक कर उनसे प्रस्ताव लेकर चर्चा करें। जनता की मांगों के अनुरूप प्रस्ताव तैयार कर योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित करें।

बैठक में मुख्यमंत्री को केन्द्रीय सामाजिक न्याय, अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार, खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत, राज्य मंत्री श्री दिलीप अहिरवार, श्री लखन पटेल, श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी, सांसदद्वय श्री वी.डी. शर्मा, श्री राजबहादुर सिंह, पूर्व मंत्री व विधायक श्री जयंत मलैया,  पूर्व मंत्री व विधायक श्री बृजेंद्र प्रताप सिंह, सागर विधायक श्री शैलेंद्र जैन, नरयावली विधायक श्री प्रदीप लारिया, बंडा विधायक श्री वीरेन्द्र सिंह लंबरदार, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री हीरा सिंह राजपूत, श्रीमती ललिता यादव सहित संभाग के सभी जिलों के विधायकों ने भी सुझाव दिए।

बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री एस.एन मिश्रा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री राघवेन्द्र कुमार सिंह, एडीजी श्री संजीव शमी, संभागायुक्त डॉ. वीरेन्द्र सिंह रावत, आईजी श्री प्रमोद वर्मा, डीआईजी श्री सुनील कुमार जैन, डीआईजी छतरपुर श्री ललित कुमार, सागर कलेक्टर श्री दीपक आर्य, छतरपुर कलेक्टर श्री संदीप जीआर, पन्ना कलेक्टर श्री हरविंदर सिंह, दमोह कलेक्टर श्री मंयक अग्रवाल, टीकमगढ कलेक्टर श्री अवधेश शर्मा और निवाड़ी कलेक्टर श्री अरूण विश्वकर्मा और सागर संभाग के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक उपस्थित थे।














Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती ...

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं...

दुर्गादास राठौड़ : जिण पल दुर्गो जलमियो धन बा मांझल रात - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा

अमरवीर दुर्गादास राठौड़ : जिण पल दुर्गो जलमियो धन बा मांझल रात। - प्रो शैलेन्द्रकुमार शर्मा माई ऐड़ा पूत जण, जेहड़ा दुरगादास। मार मंडासो थामियो, बिण थम्बा आकास।। आठ पहर चौसठ घड़ी घुड़ले ऊपर वास। सैल अणी हूँ सेंकतो बाटी दुर्गादास।। भारत भूमि के पुण्य प्रतापी वीरों में दुर्गादास राठौड़ (13 अगस्त 1638 – 22 नवम्बर 1718)  के नाम-रूप का स्मरण आते ही अपूर्व रोमांच भर आता है। भारतीय इतिहास का एक ऐसा अमर वीर, जो स्वदेशाभिमान और स्वाधीनता का पर्याय है, जो प्रलोभन और पलायन से परे प्रतिकार और उत्सर्ग को अपने जीवन की सार्थकता मानता है। दुर्गादास राठौड़ सही अर्थों में राष्ट्र परायणता के पूरे इतिहास में अनन्य, अनोखे हैं। इसीलिए लोक कण्ठ पर यह बार बार दोहराया जाता है कि हे माताओ! तुम्हारी कोख से दुर्गादास जैसा पुत्र जन्मे, जिसने अकेले बिना खम्भों के मात्र अपनी पगड़ी की गेंडुरी (बोझ उठाने के लिए सिर पर रखी जाने वाली गोल गद्देदार वस्तु) पर आकाश को अपने सिर पर थाम लिया था। या फिर लोक उस दुर्गादास को याद करता है, जो राजमहलों में नहीं,  वरन् आठों पहर और चौंसठ घड़ी घोड़े पर वास करता है और उस पर ही बैठकर बाट...