Skip to main content

मीडिया क्षेत्र में भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता, एआई और गेम चेंजर के रूप में कैरियर के असीमित अवसर - भार्गव

विकसित भारत @ 2047 अभियान श्रृंखला के तहत विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान (जेएनआईबीएम) में प्रशिक्षण जागरूकता व्याख्यान सम्पन्न

उज्जैन। नई पीढ़ी के छात्रों को विशेष रूप से आज के जटिल और प्रतिस्पर्धी व्यावसायिक परिदृश्य में लगातार अद्यतन और नवीन होने की आवश्यकता है। नए पीजी/एमबीए विद्यार्थियों को प्रारंभिक चरण में सर्वेक्षण दृष्टिकोण के साथ अपने व्यवसाय प्रशिक्षण अभिविन्यास में ऐसी दक्षताएं भी विकसित करनी ही होंगी।

श्री निरुक्त भार्गव, प्रख्यात वरिष्ठ पत्रकार, ब्यूरो प्रमुख, राष्ट्रीय अंग्रेजी दैनिक द फ्री प्रेस जर्नल ग्रुप ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि, छात्रों को सर्वेक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रम का दोहरे उद्देश्यों, भारतीय पाठकों/मीडिया अनुभवों के माध्यम से सुधार, पहुंच, इंप्रेशन और जुड़ाव को समझने के लिए पेशेवर कौशल विकसित करना है। भार्गव ने छात्रों को सहयोग की संभावनाएं तलाशने के लिए भी आमंत्रित किया, जो पारस्परिक रूप से मदद कर सकता है। यह दोनों संस्थानों के बीच संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है। विकसित भारत @2047 में, व्यावसायिक परिदृश्य में, मीडिया पूरी तरह से गेम चेंजर और एआई संचालित होगा। यह विचारों और राय का एक अंतर-सांस्कृतिक आदान-प्रदान है, जहां हम उन क्षेत्रों की पहचान कर सकते हैं जहां हम एक-दूसरे की मदद और समर्थन कर सकते हैं। जेएनआईबीएम न केवल व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करता है बल्कि भारत के मूल्यों और संस्कृति को भी बढ़ावा देता है।

प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता, निदेशक  पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन ने श्री भार्गव और मीडिया समूह के डिजिटल विश्वास और प्रतिष्ठा के स्तंभों को बनाने और बनाए रखने के दोहरे उद्देश्यों के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया और मीडिया की नैतिकता और आचार संहिता की सराहना की। ऐसे और अधिक कार्यक्रम आयोजित करना चाहिए, छात्रों के ज्ञान और सीखने को बढ़ाने के लिए छात्र आदान-प्रदान कार्यक्रम, ऐसे कार्यक्रम मजबूत द्विपक्षीय साझेदारी के निर्माण में प्रमुख स्तंभ हैं। 

श्री राकेश खोती, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी, एवं जेएनआईबीएम छात्रों ने परिसर में श्री भार्गव का स्वागत किया। विशिष्ट रूप से अवधारित की गई पू.-सर्वेक्षण कार्यशाला में पृथ्वीराज गुर्जर, श्रेया जोशी, प्रिंसी जैन, युवराज सिंह, दीपांशु नागपाल, सलोनी राय, कुतुबुद्दीन चंदनवाला, कुतुबुद्दीन वाशिमवाला, पूजा मालवीय, गोविंद तोमर भी उपस्थित थे। अंत में आभार देते हुए राकेश खोती, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन ने कहा कि, ऐसी पहल विद्यार्थी की क्षमताओं के निर्माण में बहुत सहायक हैं।

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं