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विश्वविद्यालय परिसर में निरंतर पौधारोपण के कारण बढ़ रही है जैव विविधता - कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय

 विक्रम विश्वविद्यालय में बसेरा ले रहे हैं दुर्लभ प्रजाति के पक्षी

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय परिसर में निरंतर पौधरोपण के कारण जैव विविधता बढ़ रही है। ये उद्गार कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने व्यक्त करते हुए विद्यार्थियों से बढ़ती जैव विविधता का अध्ययन करने की अपील की। 

यह सर्वविदित है कि गत कुछ समय से विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के परिसर में निरंतर पौधारोपण हो रहा है, जिससे यहां की जैव विविधता में व्यापक वृद्धि हुई है। मंगलवार सुबह प्रात: भ्रमण पर निकले विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने बताया कि परिसर में अक्सर भ्रमण करते समय प्राय: कम दिखने वाले जीव भी दिखाई पड़ते हैं। उन्होंने बताया कि यहाँ कुछ दिनों से एक वृक्ष पर दुर्लभ प्रजाति के कई उल्लू और अन्य पक्षी बैठे दिख रहे हैं। गौरतलब है कि हिंदू मान्यताओं के अनुसार उल्लू लक्ष्मी जी के वाहन माने जाते हैं और इसी कारण लोग प्रात:कालीन भ्रमण के दौरान विशेष कर इनके दर्शन के लिए आते हैं। 

कुलपति जी ने विश्वविद्यालय परिसर को हरा-भरा और समृद्ध बनाये रखने में सहयोग देने वाले सभी शासकीय एवं गैर-शासकीय संस्थानों का धन्यवाद किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों का भी इस पौधारोपण की मुहिम में भाग लेने के लिए धन्यवाद किया, विद्यार्थियों को जैव विविधता का अध्ययन कर उसका आकलन करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने सभी से पौधारोपण के इस क्रम को बनाए रखने की अपील की। 

इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलIनुशासक शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि गत तीन वर्षों से माननीय कुलपति जी कि सक्रियता और और कई गैर-शासकीय संस्थाओं के प्रयास से विश्वविद्यालय में 5000 से अधिक पौधों का रोपण किया गया है जो कि जैव विविधता में वृद्धि का मुख्य कारक है।  पौधारोपण का यह क्रम निरंतर जारी है।

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