पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान विक्रम यूनिवर्सिटी उज्जैन और आपदा प्रबंधन संस्थान, भोपाल के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न
पुरातन साहित्य में भी आपदा प्रबंधन के सूत्र उपलब्ध हैं - प्रो. डॉ शैलेंद्र कुमार शर्मा
उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध अध्ययन संस्थान द्वारा आपदा प्रबंधन संस्थान, भोपाल के संयुक्त तत्वावधान में एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के प्रभारी कुलपति एवं कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा थे। कार्यशाला में डा.जॉर्ज वी जोसेफ, संयुक्त संचालक आपदा प्रबंधन संस्थान भोपाल, प्रोफेसर डॉ धर्मेंद्र मेहता निदेशक पंडित जवाहरलाल नेहरु इंस्टीट्यूट ऑफ़ बिज़नेस मैनेजमेंट, विक्रम यूनिवर्सिटी उज्जैन, श्री राजीव निगम संयुक्त संचालक नगरीय विकास, डा.करण सिंह, उज्जैन इनक्यूबेशन सेंटर, अभिषेक मिश्रा तकनीकी विशेषज्ञ, आपदा प्रबंधन संस्थान भोपाल ने कार्यशाला में विचार व्यक्त किए। इस कार्यशाला में विक्रम विश्वविद्यालय के 100 से अधिक विद्यार्थीगण , शोधार्थी संकाय प्रतिभागियों ने अलग-अलग संकायों से प्रतिनिधित्व करते हुए अपनी सहभागिता की। मुख्य रूप से एनसीसी, समाजशास्त्र, समाज कार्य, पर्यावरण रसायन एवं प्रबंधन के विद्यार्थी, शोधार्थी एवं संकाय सदस्य उपस्थित थे।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर डॉ शैलेंद्र कुमार शर्मा ने अपने रोचक वक्तव्य में वेद, पुराणों प्राचीन ग्रन्थों से लेकर उत्तराखंड सुरंग आपदा एवं ऑस्ट्रेलिया के जंगल की आपदा प्रबंध को की चर्चा करते हुए विकसित राष्ट्र के विद्यार्थियों के लिए आपदा प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के अनेक सूत्र प्राचीन साहित्य में उपलब्ध हैं। आपदा प्रबंधन का सम्बंध प्रत्येक मनुष्य से है, इसके लिए सभी को तैयार करना होगा। इस दिशा में कार्य करने के लिए मानव कल्याण की भावना, कौशल और धैर्य आवश्यक है।
इस अवसर पर डॉक्टर जॉर्ज वी जोसेफ संयुक्त संचालक आपदा प्रबंधन भोपाल ने अपने विशिष्ट वक्तव्य में छात्रों से आह्वान किया कि ऐसे अभी अभिमुखी कार्यक्रमों में जागरूकता संवर्धन से मानवीय, प्राकृतिक, गैर प्राकृतिक और कृत्रिम आपदाओं के प्रशिक्षण की सख्त आवश्यकता है। आपदा प्रबंधन संस्थान भोपाल भविष्य में भी इस तरह की कार्यशाला के विस्तार हेतु सदैव तत्पर रहेगा।
पंडित जवाहरलाल नेहरू इंस्टिट्यूट ऑफ़ बिज़नस मैनेजमेंट विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के आचार्य निदेशक प्रोफेसर डॉ धर्मेंद्र मेहता ने अतिथि परिचय देते हुए कार्यशाला के विभिन्न सत्रों के जानकारी प्रस्तुत की। आपने संस्थान के संकाय, समन्वयक डॉ. सचिन राय की शुभकामनाओं को प्रेषित करते हुए एवं पर्यावरण प्रबंधन समाज कार्य, समाजशास्त्र, रसायन एवं अन्य सभी मंच आसीन अतिथियों का स्वागत करते हुए आपदा प्रबंधन संस्थान के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित किया उज्जैन इनक्यूबेशन सेंटर डॉक्टर करण वर्मा ने विद्यार्थियों से आपदा के अवसरों में से विचारों को सतत रूप से विकसित करने की प्रेरणा दी।
नगरीय विकास के वरिष्ठ अधिकारी एवं संयुक्त संचालक श्री राजीव निगम ने भी अपने तीन दशकों से भी अधिक आपदा प्रबंधन अनुभवों को नई पीढ़ी से साझा किया । इस अवसर पर आपदा प्रबंधन संस्थान भोपाल के तकनीकी विशेषज्ञ अभिषेक मिश्रा ने समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन के विषय में विशिष्ट सत्र में अनेक नवीन अवधारणाओं का प्रस्तुतीकरण दिया स्थानीय होमगार्ड उज्जैन इकाई एवं एन डी आर एफ के माध्यम से खोज और बचाव के बारे में एवं उपकरणों का प्रदर्शन भी प्रस्तुत किया। इंजी. श्री शिवराज सिंह चौहान, फायर इंजीनियर द्वारा शानदार तरीकों से अग्नि शमन उपकरणों ,उनके संचालन की प्रदर्शनी भी की गई । इस अवसर पर प्रो. डा.डी डी.बेदिया, प्रो उमेश कुमार सिंह, प्रो कमलेश दशोरा,प्रो. राजेश टेलर, प्रो. एस के तिवारी, प्रो अनिल जैन, डा.निश्चल यादव, डा कमल बुनकर, डा. दर्शन दुबे, गोविंद तोमर दिनेश सिंगार, ओम यादव, राजेश गौहर भी उपस्थित थे।कार्यक्रम के अंत में संकाय सदस्य डॉ. नयनतारा डामोर द्वारा संस्था की ओर से आभार प्रेषित किया गया।
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