विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा सेण्टर फॉर स्टडी ऑफ़ सोशल एक्सक्लूशन एंड इंक्लूसिव पालिसी की स्थापना की जाएगी
विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन द्वारा सेंटर फॉर स्टडी ऑफ़ सोशल एक्सक्लूशन एंड इंक्लूसिव पालिसी की स्थापना की जाएगी, जिसमें शोध एवं अनुसन्धान को बढ़ावा दिया जायेगा
उज्जैन। पिछले कुछ वर्षो में यू जी सी द्वारा शोध एवं अनुसन्धान को बढ़ावा देने हेतु भारत के अलग-अलग हिस्सों में सेंटर फॉर स्टडी ऑफ़ सोशल एक्सक्लूशन एंड इंक्लूसिव पालिसी की स्थापना की गई है। पूरे भारत में ऐसे 35 अलग- अलग सेंटर्स की स्थापना की गई है। सामाजिक समावेशन एक प्रक्रिया है जो यह सुनिश्चित करती है कि गरीबी और सामाजिक अपवर्जन के जोखिम वाले लोगों को आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन में पूरी तरह से भाग लेने और समाज में सामान्य माने जाने वाले जीवन स्तर का आनंद लेने के लिए आवश्यक अवसर और संसाधन प्राप्त हों। इसी भावना को सही तरीके से लोगो तक पहुंचाने के लिए भारत सरकार के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की एक पहल के माध्यम से 2008 में सामाजिक अपवर्जन और समावेशी नीति अध्ययन केंद्र (सीएसएसईआईपी) की स्थापना की गई। इसी शृंखला में अब इस सेंटर की स्थापना विक्रम विश्वविद्यालय में की जाएगी।
इस अवसर पर हर्ष व्यक्त करते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने बताया कि इस केंद्र की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य भेदभाव और अपवर्जन के वर्तमान और भविष्य के स्थलों पर आगे के शोध को सक्षम करना है। उन्होंने कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय के लिए यह अत्यंत हर्ष और प्रसन्नता का विषय है कि विश्वविद्यालय में इस प्रकार के केंद्र की स्थापना हो रही है। उन्होंने कहा कि इस सेंटर की स्थापना से शिक्षा के लिए एक समावेशी दृष्टिकोण स्थापित हो सकेगा और विद्यार्थियों में समाज के प्रति अपने दायित्व को निभाने की भावना भी विकसित की जा सकेगी।
इस केंद्र की स्थापना पर विक्रम के कुलसचिव श्री प्रज्वल खरे ने हर्ष व्यक्त किया और बताया कि विश्वविद्यालय सदैव ऐसे कार्यों को बढ़ावा देता है जो सामाजिक परोपकार से जुड़े हों। इस अवसर पर माननीय कुलपति जी के साथ विद्यार्थी कल्याण संकाय के संकायाध्यक्ष प्रोफेसर एस के मिश्रा, विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेन्द्र कुमार शर्मा एवं डॉ आंबेडकर चेयर के पूर्व प्रोफेसर शैलेंद्र पाराशर उपस्थित थे।
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