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गीता के अध्यायों से आध्यात्मिक रस में सराबोर

गीता जयंती एवं विकसित भारत अभियान @2047 पर कार्यक्रम संपन्न

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान (जेएनआईबीएम) द्वारा गीता जयंती एवं विकसित भारत अभियान @2047 पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। गीता जयंती एवं विकसित भारत अभियान @2047 के सुखद संयोग पर अपने मुख्य अध्यक्षीय उद्बोधन में संस्थान के एफसीए प्रो. (डॉ) दीपक गुप्ता, अध्यक्ष प्र.अ.म. एवं विक्रम विश्वविद्यालय परिषद सदस्य ने श्री कृष्ण अर्जुन संवाद को पद्यात्मक, गद्यात्मक एवं अपनी चिर परिचित भजन शैली के माध्यम से गीता के विभिन्न अध्यायों को पिरोकर युवाओं के समक्ष प्रस्तुत कर उन्हें आध्यात्मिक रस में सराबोर किया। संस्थान के विद्यार्थीगण प्रो गुप्ता के कंठ से निकले भजनों पर तालियां बजाते हुए झूम उठे।

इस अवसर पर परम पूज्य माताजी श्री निर्मला देवी जी के सहज योग अनुयाई एवं फार्मेसी संस्थान, विक्रम विश्वविद्यालय संकाय सदस्य, डॉ प्रवीण खिरवडकर ने अपने विशिष्ट व्याख्यान में विकसित भारत @2047 एवं युवाओं के लिए सहज योग ध्यान की प्रासंगिकता पर उपस्थित युवा समूह के सामने मानव शरीर की तीन मुख्य नाड़ियों और सात चक्रों के संतुलन की प्रासंगिकता को अत्यंत रोचक पावर प्वाइंट प्रस्तुति के माध्यम से तथा जीवंत उदाहरण को उद्धृत करते हुए, प्रतिस्पर्धी कॉरपोरेट जगत की विषमताओं के मध्य सहज योग की सार्थकता को प्रतिपादित किया। 

इस विशिष्ट आयोजन की प्रस्तावना, रूपरेखा एवं कार्यक्रम के उद्देश्यों की जानकारी देते हुए संस्थान के निदेशक प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता ने अतिथियों का परिचय देते हुए सहज योग केंद्र की श्रीमती प्रभा कुलकर्णी, श्रीमती सुमति नागर, श्रीमती कुसुम गोयनका, श्रीमती शुभांगी विनोदिया, श्री कमल किशोर नागर, श्री अजय वर्मा एवं श्री नवीन सोंनग्रह का स्वागत किया। सूत्रधार प्रो. डॉ धर्मेंद्र मेहता ने कार्यक्रम की उपादेयता व्यक्त करते हुए अमृत रूपी गीता को नीति, रीति एवं प्रीति का अद्भुत सम्मिश्रण की उपमा देते हुए उपस्थित विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे दैनिक जीवन में इस ग्रंथ के माध्यम से अपनी समस्याओं का समाधान निकालें। 

संस्थान के प्रो. डॉ. डी. डी. बेदिया, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के आईक्यूएसी निदेशक ने इस संयुक्त प्रासंगिक आयोजन की महत्ता को रेखांकित करते हुए विकसित भारत @2047 के लिए इस प्राचीन ग्रंथ के उपदेशों के प्रचार प्रसार एवं सहज योग ध्यान की आवश्यकताओं को रेखांकित करते हुए संस्थान के निदेशक एवं संकाय सदस्यों, स्टाफ एवं विद्यार्थियों को बधाई दी।

इस अवसर पर कार्यक्रम के आरंभ में सरस्वती पूजन, माल्यार्पण, दीप प्रज्ज्वलन एवं मंगलाचरण वेदोक्त मंत्रोच्चारण प्रस्तुति संस्थान के एमबीए छात्र संस्कार शर्मा द्वारा दी गई। संगीत संयोजन एमबीए के विद्यार्थी सुधांशु शर्मा द्वारा किया गया, आभार प्रदर्शन संस्कार संस्थान के सदस्य डॉ. नयनतारा डामोर द्वारा किया गया एवं प्रो धर्मेंद्र मेहता ने सहज योग की टीम का विशेष आभार व्यक्त किया ।  

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