विक्रम विश्वविद्यालय के एन एस एस इकाई द्वारा राष्ट्रीय कैंसर जागरुकता दिवस पर आम नागरिकों के मध्य फैलाई जाग्रति
7 नवंबर को विक्रम विश्विद्यालय के एन एस एस इकाई द्वारा राष्ट्रीय कैंसर जागरुकता दिवस मनाया गया
विद्यार्थियों ने शहर के नागरिकों को कैंसर से बचाव के तरीकों से अवगत कराया और उनके बीच जाग्रति फैलाई
उज्जैन। दिनांक 7 नवंबर 2023 को विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की एन एस एस इकाई द्वारा राष्ट्रीय कैंसर जागरुकता दिवस मनाया गया, जिसके तहत विद्यार्थियों ने शहर के नागरिकों को कैंसर से बचाव के तरीकों से अवगत कराया।
एन एस एस इकाई के समन्वयक प्रोफेसर एस के मिश्रा ने बताया कि विद्यार्थियों ने उज्जैन शहर के विभिन्न भागों में जा कर आम नागरिकों के बीच कैंसर के लक्षण और उससे बचाव के तरीके समझाए। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों ने नागझिरी क्षेत्र से प्रारंभ करते हुए विश्वविद्यालय परिसर एवं विश्वविद्यालय स्थित माधव भवन में कैंसर से बचाव से जुड़े पैंपलेट वितरित कर लोगों में कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाई।
पुरूष एवं महिला एन एस एस इकाई के कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर अरविंद शुक्ला एवं डॉक्टर शिवी भसीन ने बताया कि विद्यार्थियों ने मुख्यत: नागरिकों को कैंसर, उसके लक्षण एवं उससे बचाव के तरीके समझाए हुए बताया कि कैंसर से बचाव के लिए यह आवश्यक है की हम अपनी दैनिक दिनचर्या में व्यायाम शामिल करें। फल, सब्जियां धो कर, खाएँ, तम्बाकू एवं मदिरा का सेवन न करें, खेती में जैविक खाद के उपयोग को प्रोत्साहित करें और कैंसर का किसी भी प्रकार का लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
विद्यार्थियों द्वारा चलाए जा रहे इस जन जागरूकता अभियान पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि विद्या तभी सार्थक है जब वो सही समय पर सही लोगों तक पहुंचाई जाए। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आज कैंसर के मरीजों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि कैंसर देश के वैज्ञानिकों और डॉक्टरों के सामने बहुत बड़ी समस्या बन गई है।
इसकी बढ़ती संख्या को कम करने का एक ही तरीका है, कि जन-मानस को इस के लिए जागरुक किया जाए। उन्होंने कहा कि उन्हें हर्ष है कि विद्यार्थी अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को समझते हुए अपना दायित्व निभा रहे है। इस अवसर पर एन एस एस के अधिकारियों एवं विद्यार्थियों के साथ प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डॉ सलिल सिंह एवं शिक्षक डॉक्टर शीतल चौहान और डॉक्टर पूर्णिमा त्रिपाठी उपस्थित थे।
विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा ने इस प्रयास की सराहना करते हुए इसे एक अत्यंत प्रशंसनीय कदम बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास विद्यार्थियों द्वारा निरंतर होते रहने चाहिए।
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