नागरी लिपि परिषद नई दिल्ली इकाई मध्य प्रदेश के संयोजक डॉ प्रभु चौधरी की पुस्तक ' नागरी लिपि: तब से अब तक ' के मराठी संस्करण का नागरी लिपि परिषद के 46 वें अखिल भारतीय नागरी लिपि सम्मेलन, तिरुवनंतपुरम, केरल में 18/11/2023 को लोकार्पण करते हुए परिषद के अध्यक्ष एवं पूर्व कुलपति डॉ प्रेमचंद पातंजलि, कार्याध्यक्ष डॉ शहाबुद्दीन शेख, महामंत्री डॉ हरिसिंह पाल, कालिकट विश्वविद्यालय केरल के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ आरसु और राजकीय कन्या महाविद्यालय, तिरुवनंतपुरम की हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ सी जे प्रसन्न कुमारी आदि की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं...
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