Skip to main content

साईबर वेलनेस सेल, विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ

उज्जैन। भौतिकी अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय में चल रहे दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में एक सुरक्षित साईबर स्पेस निर्मित करने हेतु विक्रम विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया गया। द्वितीय दिवस पर मुख्य वक्ता के रूप में सुश्री शिल्पा चांदोलीकर और सुश्री सोनाली पाटनकर  ने  साइबर क्राइम से सुरक्षित रहने के लिये उपाय साझा किये। 

सुश्री शिल्पा ने फ्रॉड लिंक एवं सही लिंक में अंतर करना सिखाया। साथ ही उन्होंने बताया कि गलत लिंक और गलत ईमेल से हमारा डाटा कैसे हैक हो सकता है। उन्होंने फेक न्यूज़ के बारे में जानकारी दी एवं व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम को टू स्टेप वेरिफिकेशन द्वारा सुरक्षित करने की सलाह दी। 

सुश्री सोनाली ने ऑनलाइन शॉपिंग से संबंधित गलत वेबसाइट फ्रॉड के बारे में अवगत करवाया। साथ ही उन्होंने आपत्तिजनक कंटेंट को कैसे रिपोर्ट करें, इसे विस्तार से समझाया। इसके पश्चात उन्होंने कई तरह की केस स्टडी के माध्यम से व्यावहारिक समझ विकसित करने हेतु चर्चा  की। सोनाली ने कहा कि धैर्य, विश्वास, निष्ठा, समझदारी  आदि जीवन मूल्यों के समावेश से ही एक आदर्श साईबर सेफ्टी एम्बेसेडर बन कर समाज में व्याप्त साईबर क्राईम के शिकार व्यक्तियों की मदद की जा सकेगी।  अनेक महाविद्यालयों एवं अध्ययनशालाओं के विद्यार्थी इस कार्यक्रम से लाभान्वित हुए। कार्यक्रम के अंत में भौतिकी अध्ययनशाला की  विभागाध्यक्ष प्रो. स्वाति दुबे ने  विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे साईबर वेलनेस सेल के माध्यम से अपने परिजनों को भी जागरुक करें। स्मृति स्वरूपा मोहपात्रा ने आभार व्यक्त किया । 

कार्यक्रम में डॉ. निश्चल यादव, डॉ. गणपत अहिरवार, डॉ. प्रिया दुबे, डॉ. अपूर्वा मुले, डॉ. कमल जैन आदि उपस्थित रहे। 

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं