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गांधी की अहिंसा कायर की नहीं समर्थ व्यक्ति की अहिंसा है- प्रो. शर्मा


गांधी दर्शन वर्तमान परिप्रेक्ष्य में पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न

राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के तत्वावधान में गांधी दर्शन वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विषय पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में डॉ. शैलेंद्र कुमार शर्मा हिन्दी विभागाध्यक्ष एवं कुलानुशासक, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन ने अपना मंतव्य देते हुए कहा कि गांधी जी के विचार सार्वभौमिक, सार्वकालिक हैं। सभ्यता, संस्कृति और समाज को जितना गांधी जी ने दिया उतना पिछली कई सदियों में अन्य कोई और नहीं दिखाई देता।

डॉ. हरिसिंह पाल महामंत्री नागरी लिपि परिषद नई दिल्ली ने कहा कि सर्वप्रथम गांधीजी ने ही कहा था कि, राष्ट्रभाषा हिंदी हो सकती है और राष्ट्र लिपि नागरी लिपि होनी चाहिए।

डॉ. शहाबुद्दीन नियाज़ मोहम्मद शेख पुणे महाराष्ट्र कार्यकारी अध्यक्ष नागरी लिपि परिषद् ने कहा कि  गांधी, हिंदी और खादी की देश को आजाद कराने में महत्वपूर्ण भूमिका है।

श्री सुरेश चंद्र शुक्ल शरद आलोक नार्वे ने कहा कि नेल्सन मंडेला जेल में रहे हों या प्रेसीडेंसी हाउस में गांधी जी की तस्वीर उन्हें प्रेरणा देती रही। 

डॉ. अनसूया अग्रवाल राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि हम विचार,  चिंतन, मनन की पूजा करने वाले लोग हैं पर अब समाज विचार केंद्रित न होकर व्यक्ति केंद्रित होता चला जा रहा है।

कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. संगीता पाल गुजरात राष्ट्रीय सचिव की सरस्वती वंदना से हुई।  डॉ . प्रभु चौधरी महासचिव राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने गांधी जी पर समाचार पत्र प्रकाशन एवं विमोचन की जानकारी दी। 

श्रीमती सुवर्णा जाधव पुणे महाराष्ट्र कार्यकारी अध्यक्ष राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने कहा कि गांधी जी के विचारों को आत्मसात करना चाहिए। यह दिवस अब अहिंसा दिवस के रूप में विश्व में मनाया जाता है। 

डॉ .शशि त्यागी अमरोहा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि गांधीजी सब के सुख-दुख को अपना सुख-दुख मानते थे। श्रीमती रजनी प्रभा राष्ट्रीय सचिव राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने कहा कि महात्मा गांधी और हिंदी एक दूसरे के पर्याय रहे हैं।


डॉ .रश्मि चौबे गाजियाबाद राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, महिला इकाई राष्ट्रीय शिक्षक संचेना ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया।  आभार श्रीमती अनीता गौतम, राष्ट्रीय सचिव आगरा ने व्यक्त किया। 

महात्मा गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर हिंदी और महात्मा गांधी के विषय में काव्य गोष्ठी पर डॉ कृष्णा जोशी इन्दौर, डॉ शहेनाज शेख नांदेड़, डा भावना सिंह मेरठ, सुंदर लाल जोशी सूरज नागदा, श्वेता मिश्र पुणे, डॉ अलका भार्गव भोपाल, डॉ अरुणा सराफ इन्दौर, डॉ मुक्ति शर्मा कश्मीर, सन्ध्या सिंह पुणे , डॉ वर्षा सिंह मुम्बई , डॉ अरुणा शुक्ला नांदेड़, श्रुति सिन्हा आगरा, डॉ मीना अग्रवाल अमरोहा, डॉ प्रिया सिंह कानपुर आदि ने भाग लिया।

संचालन सुश्री श्वेता मिश्र पुणे ने एवं आभार डॉ प्रभु चौधरी राष्ट्रीय महासचिव ने माना।

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