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हमारा रास्ता कठिन हो, परन्तु मंजिल हमेशा खुबसुरत होना चाहिये - श्री शर्मा

राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में दायित्व बोध एवं कार्य विस्तार पर चर्चा

एक रास्ता होता है जो मंजिल पर पहुंचता है। यदि रास्ता खुबसूरत या सुविधाजनक हो परन्तु परन्तु मंजिल अच्छी नहीं है तो राहगीर दुखी होता है। परन्तु रास्ता कठिन हो असुविधाओं से चलकर अपनी मंजिल पर जो व्यक्ति चला जाता है वहां उसे खुबसूरत एवं अनेक सुविधाएं अपनी मंजिल पर मिलती है। उसे सफलता, यश, कीर्ति समस्त अपेक्षाओं में सहजता प्राप्त होती है।

उक्त सारगर्भित उद्बोधन शिक्षाविद् पूर्व शिक्षाधिकारी एवं राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना अध्यक्ष श्री ब्रजकिशोर शर्मा ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में अध्यक्षीय वक्तव्य में बताया कि हम सभी का दायित्व है कि शिक्षक संचेतना के माध्यम से समाज के प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षा, साहित्य एवं संस्कृति तथा राष्ट्रहित में मंजिल तक सुविधापूर्वक साथ-साथ ले जावे। अपना समय नियमित रूप से शिक्षक संचेतना के लक्ष्यो को प्राप्त करने में निकाले तथा प्रतिदिन का समय सदुपयोग करे। आभासी बैठक में राष्ट्रीय महासचिव डॉ. प्रभु चौधरी ने प्रस्तावना में कहा कि शिक्षक संचेतना में ज्ञानी एवं विद्वानो के मार्गदर्शन से प्रत्येक व्यक्ति का व्यक्तित्व में शिक्षकीय गुण प्राप्त हो ऐसा प्रयास अनेक समारोह एवं आभासी संगोष्ठियों के द्वारा किया जा रहा है। संस्था की गतिविधियों से समाज को जोडना एवं सदस्यता देकर अपने संगठन का विस्तार करना चाहिये। अपना पद का दायित्व याद करने के लिये प्रशिक्षण, बैठक वर्ग में बोध कराना लक्ष्य है। बैठक में राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष श्रीमती सुवर्णा जाधव में वक्तव्य में कहा कि संस्था अपने कार्यो से पूरे देशर में हजारो की संख्या में सदस्यो को नियुक्त कर रही है। जो अपने-अपने क्षैत्र एवं राज्यो में अच्छा कार्य कर रहे है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. सुनीता मंडल ने बताया कि शिक्षक संचेतना व्यक्तित्व के विकास में महत्वपूर्ण प्रयोजन करती है। आगामी समय में कोलकाता में भी समारोह की तैयारी होगी।

राष्ट्रीय दायित्व बोध बैठक में डॉ. मुक्ता कौशिक(रायपुर) डॉ. अलका नाईक(मुम्बई), डॉ. भावनासिंह(मेरठ), डॉ. अरूणा शुक्ला(नांदेड), उपमा आर्य(लखनऊ), ज्योति जाधव(उज्जैन), रजनी प्रभा(पटना), शैली भार्गव(इन्दौर), डॉ. रश्मि चौबे(गाजियाबाद), डॉ. शिवा लोहारिया (जयपुर), डॉ. शहेनाज शेख (नांदेड), डॉ. अरूणा सराफ(इंदौर) आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

बैठक का शुभारम्भ में सरस्वती वंदना डॉ. संगीता पाल ने प्रस्तुत की। स्वागत भाषण राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सुवर्णा जाधव ने दिया। बैठक का सफल संचालन राष्ट्रीय सचिव श्रीमती श्वेता मिश्रा ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अरूणा शुक्ला राष्ट्रीय संयोजक ने दिया।

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