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सांख्यिकीय तकनीकें ही डाटा साइंस का आधार - डॉ. टेलर


उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की सांख्यिकी अध्ययनशाला में विश्व सांख्यिकी दिवस मनाया गया। विश्व सांख्यिकी दिवस प्रतिवर्ष 23 अक्टूबर को आयोजित किया जाता है। वर्ष 2015 में यूनाइटेड नेशन ने 23 अक्टूबर को प्रतिवर्ष विश्व सांख्यिकी दिवस के रूप में मनाना तय किया था। इसका उद्देश्य विश्व में सांख्यिकी विषय को लेकर जागरूकता फैलाना है। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में विभाग अध्यक्ष डॉ. राजेश टेलर ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में सांख्यिकी के महत्व और उसकी उपयोगिता को बताया। 

डॉ. टेलर ने बताया कि किसी भी विषय में शोध के लिए सांख्यिकी की तकनीक की आवश्यकता होती है।  इन तकनीकों के बिना किसी भी शोध के परिणाम की वैधता एवं उसके अस्तित्व की जांच नहीं की जा सकती। विद्यार्थियों को बताया कि आंकड़ों के सही संकलन एवं सही सांख्यिकी तकनीक का उपयोग करके किसी भी व्यवसाय को सफल बनाया जा सकता है। वर्तमान में बिग डाटा एनालिसिस की बहुत डिमांड है जो की सांख्यिकीय तकनीक का कंप्यूटर के द्वारा उपयोग से ही संभव है और सांख्यिकीय तकनीकें ही डाटा साइंस का आधार है।  विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने कार्यक्रम आयोजित करने के लिए सांख्यिकी अध्ययनशाला को बधाई दी एवं शोध विद्यार्थियों के लिए रिसर्च मेथाडोलॉजी पर कार्यशालाएं आयोजित करने की बात कही।  

कार्यक्रम का संचालन सांख्यिकी अध्ययनशाला के डॉ. राजेश परमार ने किया तथा आभार डॉ. अनीता यादव ने व्यक्त किया। इस अवसर पर डॉ. रुचि यादव, शिवम शाक्यवार,  प्रभु दयाल पवार, मोनू विश्वकर्मा, उमा पाटीदार, वर्षा पटेल,  रीना परमार आदि उपस्थित रहे।

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