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विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए हर्बल साबुन के साथ मनाया गया स्वच्छता पखवाड़ा

श्रमदान के बाद हर्बल साबुन से  धुलवाएं सभी के हाथ, जैव प्रौद्योगिकी के विद्यार्थियों ने एक ही महीने में कुलपति एवं अपने शिक्षकों को दिया एक और सौगात

उज्जैन: विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी  अध्ययनशाला के विद्यार्थियों द्वारा हर्बल साबुन का निर्माण किया गया है। विद्यार्थियों ने स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत श्रमदान के बाद सभी उपस्थित लोगों को अपने द्वारा बनाया हर्बल साबुन भेंट किए।

              

विक्रम विश्वविद्यालय के प्रणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के विद्यार्थियों ने एक ही महीने में दूसरी बार अपने शिक्षकों को अनूठा उपहार दिया है। बी एससी तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थी सृष्टि राज, सुष्मिता नाथ, रूषान अब्दुल्ला, समीर कुमार एवं मनीष बैरवा ने विभाग की लैब में हर्बल साबुन और हर्बल हैंड वाश का निर्माण किया। विद्यार्थियों को मार्गदर्शन देने वाले विभाग के शिक्षक डॉक्टर अरविंद शुक्ला एवं डॉक्टर शिवी भसीन ने बताया कि विद्याथियों ने साबुन और हैंड वाश का निर्माण प्लांट एक्सट्रैक्ट और अन्य हर्बल तत्वों का इस्तेमाल कर किया है। साथ ही उन्होंने यह बताया कि इस पर विद्यार्थियों का शोध पत्र यूरोपियन जर्नल ऑफ मेडिकल एंड फार्मास्यूटिकल साइंस में प्रकाशन के लिए स्वीकृत हुआ है,  जो शीघ्र ही प्रकाशित होगा। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ सलिल सिंह ने बताया कि विभाग के लिए यह अत्यंत गर्व की बात है कि विद्यार्थियों  का रुझान शोध एवं अनुसंधान की ओर हो रहा है। उन्होंने कहा कि इससे निश्चित तौर पर विभाग के शैक्षणिक स्तर में वृद्धि होगी।

विद्यार्थियों द्वारा बनाए हर्बल साबुन एवं हैंड वाश का अवलोकन करते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने अत्यंत प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि  बायोटेक्नोलॉजी के विद्यार्थियों ने एक ही माह में दूसरी बार पुनः एक हर्बल उत्पाद तैयार किया है और उन्हें उम्मीद है कि इन सभी उत्पादों को विद्यार्थी स्टार्ट-अप के रूप में स्थापित करके एन ई पी के प्रमुख उद्देश्य को पूर्ण करेंगे। साथ ही माननीय कुलपति जी ने विद्यार्थियों को उनके द्वारा 9 अक्टूबर को आयोजित किए जाने वाले विज्ञान बाजार के लिए भी मंगलकामनाएं दी।

इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री प्रज्वल खरे एवं कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेन्द्र कुमार शर्मा, प्राणिकी एवं जैवप्रोद्योगिकी अध्ययनशाला के शिक्षक डॉ संतोष ठाकुर, डॉ स्मिता सोलंकी, डॉ गरिमा शर्मा, डॉ शीतल चौहान, डॉ पूर्णिमा त्रिपाठी एवं विभाग के कर्मचारियों ने  विद्यार्थियों को बधाई दी।

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