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प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा साहित्य गौरव सम्मान से अलंकृत


साहित्य, संस्कृति एवं शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए प्रो शर्मा सम्मानित

उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलानुशासक एवं हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा को राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा श्री मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति, इंदौर के सहयोग से आयोजित राष्ट्रीय संचेतना महोत्सव के अवसर पर साहित्य गौरव सम्मान से अलंकृत किया गया। उन्हें यह सम्मान साहित्य, संस्कृति एवं शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट अवदान के लिए अर्पित किया गया। प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा को संस्था के महासचिव डॉ प्रभु चौधरी ने वाग्देवी भवन में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर शॉल, प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्ह अर्पित कर साहित्य गौरव सम्मान से अलंकृत किया। इस अवसर पर हिंदी अध्ययनशाला की आचार्य प्रो गीता नायक, प्रो जगदीश चंद्र शर्मा, डॉ सुशील शर्मा, डॉ अजय शर्मा आदि सहित हिंदी एवं पत्रकारिता और जनसंचार अध्ययनशाला के अनेक शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। 

समालोचना के क्षेत्र में पिछले तीन दशकों से अधिक समय से निरंतर सक्रिय प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने साहित्य, भाषा, लिपि, शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उन्होंने शब्दशक्ति सम्बन्धी भारतीय और पाश्चात्य अवधारणा तथा हिन्दी काव्यशास्त्र, प्राचीन एवं मध्यकालीन काव्य, मालवी भाषा और साहित्य, अवन्ती क्षेत्र और सिंहस्थ महापर्व, महात्मा गांधी : विचार और नवाचार,  हिंदी कथा साहित्य, देवनागरी विमर्श, मालवा का लोकनाट्‌य माच और अन्य विधाएं, हिन्दी भाषा संरचना, आचार्य नित्यानंद शास्त्री और रामकथा कल्पलता, मालवसुत पं सूर्यनारायण व्यास, हिंदी – भीली अध्येता कोश, सिंहस्थ विमर्श, स्त्री विमर्श : परंपरा और नवीन आयाम, मालव मनोहर आदि सहित निबंध, आलोचना, भाषाशास्त्र, लोक भाषा, लोक संस्कृति आदि विषयों पर पैंतीस से अधिक ग्रन्थों का लेखन एवं सम्पादन किया है। शोध पत्रिकाओं और ग्रन्थों में उनके 400 से अधिक शोध एवं समीक्षा निबंधों तथा प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में 800 से अधिक कला एवं रंगकर्म समीक्षाओं का प्रकाशन हुआ है। उन्होंने साहित्य, भाषा, लिपि और लोक संस्कृति से जुड़ी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की सैकडों संगोष्ठियों, व्याख्यानमालाओं और कार्यशालाओं में व्याख्यान, शोध प्रस्तुति एवं समन्वय किया है। प्रो शर्मा ने यूएई, थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया, मॉरीशस एवं म्यांमार की अकादमिक यात्राएँ की हैं।

उन्हें पूर्व में अर्पित किए गए महत्वपूर्ण एवं ख्यात सम्मान और पुरस्कार हैं :  आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी सम्मान, म. प्र. लेखक संघ, भोपाल द्वारा हिन्दी समीक्षा के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान के लिए डॉ. संतोष तिवारी समीक्षा सम्मान, राष्ट्रीय कबीर सम्मान, हिंदी सेवी सम्मान,  भाषा- भूषण सम्मान, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार, आचार्य विनोबा भावे राष्ट्रीय नागरी लिपि सम्मान, अक्षर आदित्य सम्मान, आलोचना भूषण सम्मान, अभिनव शब्द शिल्पी अलंकरण, साहित्य सिंधु सम्मान, विश्व हिन्दी सेवा सम्मान आदि। अनेक साहित्यकारों, संस्कृतिकर्मी और शिक्षाविद् ने हर्ष व्यक्त कर प्रो शर्मा को बधाई दी है। 

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