हिन्दी के माध्यम से मानवता के कल्याण हेतु भारत के आदर्श मानवीय जीवन मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाया जा सकता है- कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय
प्रोफेसर पाण्डेय हिंदी साहित्य भारती, झांसी की केंद्रीय (अंतरराष्ट्रीय) कार्यकारिणी के विशेष आमंत्रित सदस्य मनोनीत
विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय को हिंदी साहित्य भारती, झांसी की केंद्रीय (अंतरराष्ट्रीय) कार्यकारिणी के विशेष आमंत्रित सदस्य का दायित्व सौंपा गया है।
प्रख्यात साहित्यकार एवं पूर्व शिक्षा मंत्री, उ. प्र.सरकार, झांसी निवासी डा. रवीन्द्र शुक्ल तथा उनके साथ देश के अन्य विद्वानों ने हिंदी भाषा एवं साहित्य के उत्थान का संकल्प लेकर 15 जुलाई 2020 को ‘हिंदी साहित्य भारती’ नामक संस्था का गठन किया जो आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 32 देशों में सक्रिय है और भारत के 27 प्रदेशों में हमारी विधिवत् गठित कार्यकारिणियाँ संगठित और साहित्यिक गतिविधियों में सक्रिय हैं।
विक्रम विश्वविद्यालय के लिए यह अत्यंत प्रसन्नता का विषय है, कि विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय को हिंदी साहित्य भारती, झाँसी की केंद्रीय (अंतरराष्ट्रीय) कार्यकारिणी के विशेष आमंत्रित सदस्य का दायित्व सौंपा गया है। इस अवसर पर माननीय कुलपति जी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि हिन्दी साहित्य भारती के मुख्य उद्देश्य में भारत के गौरवशाली साहित्य एवं सांस्कृतिक चेतना को विश्व पटल पर प्रतिष्ठा दिलाना, भारत में हिंदी को राष्ट्रभाषा का संवैधानिक अधिकार दिलाना तथा इसके लिए आवश्यक कार्य योजना बनाकर उसका क्रियान्वयन करना है। इसके अतिरिक्त हिन्दी साहित्य भारती
वैश्विक स्तर पर हिंदी की महत्ता स्थापित करने, हिंदी भाषा की व्यवस्था के लिए कार्यक्रमों का आयोजन करने औऱ हिंदी के साहित्यकारों को वैश्विक एवं राष्ट्रीय पटल पर प्रतिष्ठा दिलाने के पथ पर अग्रसर है । अपनी बात को बढ़ाते हुए माननीय कुलपति जी ने कहा कि हिन्दी के माध्यम से मानवता के कल्याण हेतु भारत के आदर्श मानवीय जीवन मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वे अपने इस नवीन दायित्व को पूरी निष्ठा से पूर्ण करने का प्रयास करेंगे।
इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ प्रज्वल खरे, कुलानुशासक प्रो शैलेन्द्र कुमार शर्मा सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागाध्यक्ष, अधिकारियों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने माननीय कुलपति जी को बधाई प्रेषित की।
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