उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय की कृषि विज्ञान अध्ययनशाला में चल रही तीन दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन प्रथम सत्र में नई दिल्ली से आए श्री नामदेव ने डिजिटल मार्केटिंग की स्टार्टअप में भूमिका पर अपने विचार व्यक्त किये। इंदौर से आए श्री अभिनव संचेती ने स्टार्टअप को लेकर व्याख्यान दिया।
कार्यशाला के दूसरे दिन के द्वितीय सत्र में जवाहरलाल नेहरू बिजनेस मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट विक्रम विश्वविद्यालय के डायरेक्टर डॉ धर्मेंद्र मेहता ने विद्यार्थियों को बताया कि किसी भी स्टार्टअप को सफल होने के लिए व्यक्ति को किन-किन महत्वपूर्ण चरणों से गुजरना होता है और सतर्कता से ध्यान रखना होता है।
द्वितीय सत्र के वक्ता विक्रम विश्वविद्यालय के डॉ राजेश्वर शास्त्री मुसलगॉंवर थे। डॉ मुसलगॉंवकर ने अपने व्याख्यान में बताया कि विचारों को परिणति तक ले जाना महत्त्वपूर्ण है। केवल विचार या मनोरथ से कार्य सिद्ध नहीं होते, उद्यम आवश्यक है। वेदों के ऋषियों नें अपने विचारों को परिणति तक पहुँचाया तो वे वेद के रूप में काल के कपाल पर अपनी अमिट पहचान बना चुके हैं, गीता भी श्रीकृष्ण के विचारों का महाभारत के रूप परिणति का सुन्दर उदाहरण है। अतः आज के वर्धिष्णु विचारकों को वैदिक ऋषियों के या भारतीय इतिहास के शलाका पुरुषों के चरित्र का अवलोकन करते हुए समान विचारकों के साथ समवेत रूप से अपने विचारों को सिद्धि तक ले जाना चाहिए।
सत्र की अध्यक्षता गणित अध्ययनशाला के विभाग अध्यक्ष डॉ संदीप तिवारी ने की तथा आभार कृषि विज्ञान अध्ययनशाला के विभाग अध्यक्ष डॉ राजेश टेलर ने व्यक्त किए।
इस अवसर पर कार्यशाला की प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर डॉ निवेदिता वर्मा, डॉ रुचि यादव, डॉ राजेश परमार, श्री पुष्पेंद्र घोष, सुश्री मोनू विश्वकर्मा, सुश्री शोभा मालवीय, श्री शिवम शाक्यवार आदि उपस्थित रहे ।
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