पुस्तक मेले में प्रथम दिवस पर हुआ भारतीय ज्ञान प्रणाली और पर्यावरण संरक्षण पर मंथन
उज्जैन। राष्ट्रीय पुस्तक मेले में साहित्यिक कार्यक्रमों की शृंखला में उद्घाटन दिवस पर भारतीय ज्ञान प्रणाली और पर्यावरण संरक्षण पर केंद्रित पर केंद्रित परिसंवाद हुआ। परिसंवाद की अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने की। इस सत्र में मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी, भोपाल के निदेशक श्री अशोक कड़ेल, जिला वन अधिकारी डॉ किरण बिसेन, जीवविज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो डी एम कुमावत, प्रो राकेश ढंड, वृक्षमित्र समिति के संयोजक श्री अजय भातखंडे, पर्यावरण कार्यकर्ता श्री राजीव पाहवा आदि ने विचार व्यक्त किए।
कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिव का परिवार और उनका निवास पर्यावरण जागरूकता का संदेश देता है। भारतीय ज्ञान परंपरा के पर्यावरण से जुड़े पक्षों को पाठ्यक्रम में स्थान दिया जाना आवश्यक है।
श्री अशोक कड़ेल, भोपाल ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा की जड़ों तक युवा पीढ़ी को पहुंचाने के लिए विशेष प्रयास जरूरी है। विद्यार्थी को उसकी आत्मा का दर्शन करना शिक्षा का उद्देश्य है।
डॉ किरण बिसेन ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण का कार्य संस्कृति संरक्षण से जुड़ा हुआ है। उज्जैन संस्कृति का प्रतिरूप है। विक्रम विश्वविद्यालय में सांस्कृतिक वन का विकास किया जा रहा है।
प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत पुस्तक भेंट कर एनबीटी नई दिल्ली की ओर से सुश्री आकांक्षा ने किया। सत्र का संयोजन प्रोफेसर जगदीश चंद्र शर्मा ने किया। आभार प्रदर्शन विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा ने किया।
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