Skip to main content

मध्यप्रदेश राज्य मंत्रालय में आयोजित अभूतपूर्व विशाल सभा और रैली ने इतिहास बनाया - सुभाष वर्मा

■ आमसभा में विधानसभा कर्मचारी संघ और विधि विभाग की द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी अधिकारी-कर्मचारी संघ समिति के पदाधिकारियों द्वारा आंदोलन के हर चरण में सहयोग और भाग लेने का आश्वासन दिया

■ राज्य मंत्रालय में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों की सहभागिता ने आंदोलन की सफलता को सुनिश्चित करने का प्रण लिया


🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया, वरिष्ठ पत्रकार 🙏

भोपाल, सोमवार, 11 सितम्बर, 2023 । मध्यप्रदेश राज्य मंत्रालय में कार्यरत अधिकारी / कर्मचारियों की वर्षों से लंबित मांगों का निराकरण ना होने से आन्दोलन के अगले चरण में  सोमवार, 11 सितम्बर, 2023 को मंत्रालय की पुरानी बिल्डिंग के गेट नंबर 01 पर आशा से अधिक सफल आमसभा संपन्न हुई जिसमें मंत्रालयीन अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ ही विधि एवं विधायी कार्य विभाग के कर्मचारी भी उपस्थित रहे।

आमसभा में उपस्थित अधिकारी और कर्मचारी विरोध-स्वरूप काली पट्टी लगाकर अपनी मांगों की तख्तियां लेकर अत्यधिक उत्साह के साथ उपस्थित थे। 

सभा का संचालन म.प्र. सचिवालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष श्री टी.पी.पाण्डेय ने किया और सभा को सचिवालयीन कर्मचारी संघ एवं म.प्र. सचिवालय (मंत्रालय) के अध्यक्ष श्री सुभाष वर्मा, म.प्र. मंत्रालय अजाक्स शाखा के अध्यक्ष श्री घनश्याम भकोरिया, म.प्र. सचिवालयीन कर्मचारी संघ के प्रवक्ता श्री संजय राठौर, म.प्र. विधानसभा कर्मचारी संघ के संयोजक / संरक्षक श्री रामनारायण आचार्य, विधि परामर्शी मंत्रालय द्वितीय एवं तृतीय कर्मचारी संघ समिति के सचिव श्री के. एल. पांडेय सहित श्री मुजीब कुरैशी, श्री अवधनारायण नामदेव और श्रीमती नवीनता बेन टिकारिया ने संबोधित किया।

विधानसभा कर्मचारी संघ के श्री आचार्य और विधि विभाग के श्री पाण्डेय ने उद्बोधन में मंत्रालय द्वारा मांगों के समर्थन में किए जा रहे पुरजौर आन्दोलन के लिए प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मध्यप्रदेश विधानसभा के कर्मचारियों की ओर से मंत्रालय के आन्दोलन में हर तरह से सहयोग और समर्थन के लिए आश्वस्त किया।

श्री सुभाष वर्मा ने मंत्रालयीन कर्मचारियों की 11 सूत्रीय मांगों के बारे में स्पष्टता से जानकारी देते हुए, मांगों की पूर्ति में बाधा बन रहे, वित्त विभाग के अधिकारियों द्वारा, राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से भी ज्यादा लाभ, समयबद्ध वेतनमान में गलत तरीके से लिए जाने की जानकारी दी और मंगलवार, दिनांक 12.09.2023 को आमसभा में उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों से शत-प्रतिशत सामूहिक अवकाश में सहभागिता हेतु अपील की गई, जिस पर कर्मचारियों ने करतल-ध्वनि से एकमत से सहयोग देने हेतु आश्वस्त किया गया।

 

श्री वर्मा ने अपने  उद्बोधन में यह भी अवगत कराया कि, यदि अब भी शासन द्वारा एक सप्ताह की अवधि में मांगें नहीं मानी जाती हैं तो, शीघ्र ही सभी संघों के पदाधिकारियों से विचार-विमर्श कर आन्दोलन के तीसरे चरण की घोषणा होगी और मांगें माने जाने तक आन्दोलन उग्र से उग्रतर होता जावेगा।










✍ राधेश्याम चौऋषिया 

Radheshyam Chourasiya

Radheshyam Chourasiya II
● सम्पादक, बेख़बरों की खबर
● राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार, जनसम्पर्क विभाग, मध्यप्रदेश शासन
● राज्य मीडिया प्रभारी, भारत स्काउट एवं गाइड मध्यप्रदेश
● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक निर्णायक
● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक मालव क्रान्ति

🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩

"बेख़बरों की खबर" फेसबुक पेज...👇

Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर

"बेख़बरों की खबर" न्यूज़ पोर्टल/वेबसाइट... 👇

https://www.bkknews.page

"बेख़बरों की खबर" ई-मैगजीन पढ़ने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें...👇https://www.readwhere.com/publi.../6480/Bekhabaron-Ki-Khabar

🚩🚩🚩🚩 आभार, धन्यवाद, सादर प्रणाम। 🚩🚩🚩🚩 

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं