उज्जैन। मध्य प्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग में पदस्थ लाइब्रेरियन, क्रीड़ा अधिकारी एवं उच्च शिक्षा के सभी महाविद्यालयों में प्रोफेसर्स का जो वेतनमान है उनसे आधा वेतनमान आयुष चिकित्सा शिक्षकों को मिल रहा है । डेढ़ दशक पूर्व से ही पशु चिकित्सकों को उच्चतम वेतनमान या पुनरीक्षित वेतनमान वर्ष 2004 से मिल रहा है एवं वर्ष 2010 से दंत चिकित्सा एवं एलोपैथी चिकित्सा महाविद्यालय में चिकित्सा शिक्षकों को पुनरीक्षित वेतनमान मिल रहा है ।
देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा स्वयं योग और आयुर्वेद को अपनाने के अलावा वे अक्सर ही आयुर्वेद और योग की प्रचार का कार्य कर रहे हैं एवं पूरे विश्व में प्रधानमंत्री जी के द्वारा आयुर्वेद और योग का डंका बजाए जाना के बावजूद भी मध्य प्रदेश में यह स्थिति है कि आयुष चिकित्सा शिक्षकों को लाइब्रेरियन और क्रीड़ा अधिकारी और पशुओं की चिकित्सा करने वाले चिकित्सकों से भी आधा वेतनमान मिल रहा है । आयुष चिकित्सा शिक्षकों द्वारा वेतनमान की विसंगति को दूर करने के लिए मानव शृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन किया गया। अतः आयुष चिकित्सा शिक्षकों का मध्यप्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी चौहान से यह आग्रह है कि वह आयुष चिकित्सा शिक्षकों को पुनरीक्षित या संशोधित वेतनमान पशु चिकित्सकों या दंत चिकित्सा शिक्षकों के समतुल्य देने का कष्ट करेंगे और इसमें एक बहुत ही न्यून वित्तीय वार्षिक भार लगभग 20 से 25 करोड़ का ही पूरे मध्यप्रदेश के आयुष चिकित्सा शिक्षकों के लिए व्यय होगा, अतः माननीय मुख्यमंत्री जी से पुनः निवेदन है कि इस विसंगति को शीघ्र ही दूर करने का कष्ट करेंगे।
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