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संपूर्ण परिवर्तन संभव है योग के माध्यम से - पद्मश्री डॉ नागेंद्र गुरुजी

विक्रम विश्वविद्यालय में हुआ आधुनिक विज्ञान एवं तकनीकी के युग में योग पर केंद्रित विशिष्ट व्याख्यान एवं परिसंवाद

विख्यात योग मनीषी पद्मश्री डॉ एच आर नागेंद्र गुरुजी सेवाधाम गुरु सांदीपनि राष्ट्रीय सम्मान से अलंकृत







उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन एवं अंकितग्राम वर्षा मंगल राष्ट्रोत्सव समिति, सेवा धाम, उज्जैन के संयुक्त तत्वावधान में विख्यात योग मनीषी एवं व्यासा यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु के चांसलर पद्मश्री डॉ एच आर नागेंद्र गुरुजी के विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया, जो आधुनिक विज्ञान एवं तकनीकी के युग में योग विषय पर केंद्रित था। अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने की। यह आयोजन विक्रम विश्वविद्यालय के मुख्य प्रशासनिक भवन स्थित शलाका दीर्घा सभागार में गुरुवार को अपराह्न में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि सेवा धाम के संस्थापक श्री सुधीर भाई गोयल, श्री अरविंद चेंजेरी, बेंगलुरु, कुलसचिव डॉ प्रज्वल खरे, डॉ विक्रांत सिंह तोमर, कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा पद्मश्री डॉ एच आर नागेंद्र गुरुजी को अंगवस्त्र, सम्मान पत्र, मौक्तिक माल एवं साहित्य अर्पित कर सेवाधाम गुरु सांदीपनि राष्ट्रीय सम्मान से अलंकृत किया गया।

पद्मश्री डॉ एच आर नागेंद्र गुरुजी ने अपने विशिष्ट व्याख्यान में कहा कि दुनिया वैज्ञानिक और तकनीकी आधार पर तेजी से आगे बढ़ रही है, किंतु इसके बावजूद लोगों का जीवन अधिक तनावमय हो गया है। उच्च रक्तचाप, डिप्रेशन, डायबिटीज जैसे रोग तेजी से बढ़ रहे हैं। यूएसए जैसे देशों में ड्रग्स की दुष्प्रवृत्ति पैर पसार रही है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि क्या हम प्रगति की ओर जा रहे हैं। वर्तमान विश्व की समस्याओं का समाधान योग के माध्यम से संभव है। योग के माध्यम से शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक स्तर पर युवाओं को आगे बढ़ाया जा सकता है। योग के जरिए संपूर्ण परिवर्तन संभव है। पश्चिम का विज्ञान अन्नमय कोश तक रुक गया है जबकि भारतीय दर्शन में उससे आगे के कोशों की महिमा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की संकल्पना से योग के क्षेत्र में वैश्विक अभिरुचि जाग्रत हुई है, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग दिवस मनाया जा रहा है। व्यासा विश्वविद्यालय द्वारा इंटीग्रेटेड योगा मॉड्यूल बनाए गए हैं। इसमें क्रीड़ा योग को भी स्थान दिया गया है। योग केवल व्यायाम नहीं है, यह जीवन जीने की कला है। जीवन के लक्ष्य को भूलने से समस्याएं बढ़ रही हैं। वर्तमान में शिक्षा का लक्ष्य धन हो गया है, जबकि व्यक्तित्व के समग्र विकास के लिए शिक्षा का प्रयोग होना चाहिए। योग, त्याग और सेवा के माध्यम से नए भारत का निर्माण होगा। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने कहा कि वर्तमान दौर में तकनीकी का विकास बहुत अधिक हुआ है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सभी क्षेत्रों में असर डाल रही है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि मनुष्य की आवश्यकता क्यों है। योग एवं मूल्य आधारित शिक्षा के माध्यम से हम बेहतर दुनिया का निर्माण कर सकते हैं। जी-20 की अध्यक्षता के माध्यम से भारत ने एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य का लक्ष्य संपूर्ण दुनिया के समक्ष रखा है। सेवा धाम, उज्जैन के संस्थापक श्री सुधीर भाई गोयल ने कहा कि योग हम सभी के जीवन में महत्वपूर्ण है। इस दिशा में संस्था द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। शैक्षिक संस्थानों में योग के प्रसार के लिए अंकितग्राम, सेवाधाम आश्रम के योग प्रकल्प अंकित ग्राम रिसर्च इंस्टिट्यूट आफ योगा एंड नेचरोपैथ द्वारा व्यापक प्रयास किए जाएंगे।

प्रारंभ में योग के वैज्ञानिक पक्षों पर केंद्रित इस आयोजन की संकल्पना एवं अतिथि परिचय कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा ने प्रस्तुत किया। अतिथियों द्वारा वाग्देवी के चित्र पर पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। अतिथियों को अंगवस्त्र, मौक्तिक माल एवं साहित्य भेंट कर उनका सम्मान किया गया। स्वागत भाषण डॉ सत्येंद्र किशोर मिश्रा, अधिष्ठाता, छात्र कल्याण विभाग, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन दे दिया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित प्रबुद्ध जनों, गणमान्य नागरिकों और विद्यार्थियों ने इस व्याख्यान का लाभ लिया। व्याख्यान सत्र का संयोजन कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा ने किया। आभार प्रदर्शन डीएसडब्ल्यू प्रोफेसर एस के मिश्रा ने किया।

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