Skip to main content

परीक्षा की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे नर्सिंग स्टूडेंट्स, शिवाजी नगर से राजभवन तक शुरू किया था पैदल मार्च, पुलिस ने रास्ते में रोका


भोपाल - मध्य प्रदेश में मेडिकल विश्वविद्यालय और नर्सिंग काउंसिल की लापरवाही की सजा भुगत रहे मध्यप्रदेश के हजारों नर्सिंग छात्र छात्राएं अब आंदोलन की राह पर निकल पड़े हैं। मंगलवार, 01 अगस्त 2023 को बड़ी संख्या नर्सिंग स्टूडेंट्स राजधानी भोपाल के सड़कों पर उतरे। यहां वो शिवाजी नगर से राजभवन तक पैदल मार्च निकालना चाह रहे थे लेकिन, पुलिस ने बलप्रयोग कर स्टूडेंट्स को रास्ते में ही रोक दिया। एनएसयूआई नेता रवि परमार के नेतृत्व में सैंकड़ों की संख्या में नर्सिंग स्टूडेंट्स शिवाजी नगर चौराहे पर इकट्ठा हुए नर्सिंग छात्रों का हुजूम नारेबाजी करते हुए राजभवन की ओर निकला ही की रास्ते में पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक दिया। मौके पर तीन थानों के सैंकड़ों पुलिसकर्मी मौजूद थे। इस दौरान पुलिस प्रशासन और नर्सिंग स्टूडेंट्स के बीच झुमाझटकी भी हुई। नर्सिंग छात्र छात्राओं ने एसडीएम और तहसीलदार के आश्वासन को दरकिनार कर उन्हें उल्टे पैर लौटाया।
एसडीएम और तहसीलदार प्रदर्शनकारियों से कह रहे थे कि उन्हें ही राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंप दी जाए। हालांकि, छात्र इस बात पर अड़े रहे की वे राज्यपाल से मिलकर उन्हें ही ज्ञापन सौंपेंगे। हालांकि, प्रशासन इसके लिए तैयार नहीं हुई। ऐसे में राजधानी के शिवाजी नगर में करीब 5 घंटे तक नर्सिंग छात्र छात्राएं राजभवन जाने की जिद पर अडे़ रहे। पांच घंटे बाद पुलिस ने बलप्रयोग कर उन्हें धरने से उठाया। इस दौरान शिवाजी स्क्वायर पर आवागमन बाधित भी हुई। दरअसल, नर्सिंग में स्टूडेंट्स ने आल 2020 में नर्सिंग में एडमिशन लिया था। लेकिन मध्यप्रदेश नर्सिंग काउंसिल और मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय की लापरवाही की वजह से फरवरी 2023 तक भी परीक्षाएं नहीं हो सकी। ऐसे में पिछले तीन वर्षों से ये स्टूडेंट्स फर्स्ट ईयर में ही हैं। जब 1 फरवरी 2023 को सैकड़ों नर्सिंग छात्र छात्राएं अपनी परीक्षा की मांग को लेकर छात्र नेता रवि परमार के नेतृत्व में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के बंगले पर प्रदर्शन करने गये थे लेकिन उसके बाद पुलिस प्रशासन ने रवि परमार को हथकड़ी लगा कर जेल भेज दिया था। हालाकि कांग्रेस के बड़े नेताओं के विरोध के बाद अगले दिन जमानत भी दे दी गई थी। उसके बाद 27 फरवरी को इस संबंध में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ग्वालियर हाईकोर्ट ने 2020-21 सत्र की बीएससी (नर्सिंग) और पोस्ट बेसिक बीएससी परीक्षा पर अंतरिम रोक लगा दी और यूनिवर्सिटी से जवाब तलब किया था। उसके बाद 2019-20 सत्र के छात्र छात्राओं की तृतीय वर्ष की परीक्षा पर भी रोक लगा दी गई इसके बाद से अबतक रोक बरकरार हैं। नर्सिंग स्टूडेंट्स के दल का नेतृत्व कर रहे छात्र नेता रवि परमार ने कहा कि नर्सिंग छात्र छात्राएं अपने भविष्य को लेकर अत्यधिक चिंतित हैं। जिन छात्र छात्राओं का 2 साल का कोर्स ( पोस्ट बीएससी नर्सिंग, एमएससी नर्सिंग) था, वह तीन साल बाद भी प्रथम वर्ष में ही हैं। यही हाल 4 साल के कोर्स ( बीएससी नर्सिंग ) वाले स्टूडेंट्स का है 3 साल बीतने के बाद भी उनकी प्रथम वर्ष की परीक्षा नहीं हुई छात्र-छात्राएं मानसिक रूप से परेशान हैं। उन्हें चिंता है कि उनकी डिग्री कब मिलेगी? उन्हें गलत कदम उठाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। ऐसे में अगर कोई भी छात्र आत्मघाती कदम उठाता हैं तो इसके लिए सीधे तौर पर राज्य सरकार जिम्मेदार होगी।

रवि परमार ने आरोप लगाते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में व्यापम से भी बड़ा नर्सिंग फर्जीवाड़ा हुआ हैं चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और कई बड़े अधिकारी सीधे तौर पर संलिप्त हैं इतना ही नहीं फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने के लिए लाखों रूपयों का लेन-देन किया जाता है नर्सिंग कॉलेज मान्यता घोटाले में मंत्री विश्वास सारंग के कर्मचारी और उनके सहयोगियों ने करोड़ों रुपए की उगाही की है, जिसकी उच्च स्तरीय जांच होना चाहिए। परमार ने हाईकोर्ट द्वारा परिक्षाओं पर रोक लगाने के फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हम माननीय उच्च न्यायालय से आग्रह करते हैं कि इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए परिक्षा पर रोक लगाना हल नहीं है, क्योंकि सैंकड़ों स्टूडेंट्स का सवाल है शिक्षा माफियाओं की गलती का सजा बच्चों को क्यों मिले? बच्चे इस तरह कबतक पिसते रहेंगे? परमार ने ये भी कहा कि कोर्ट ने तो फरवरी से परिक्षाओं पर रोक लगाया है, उसके पहले ढाई साल से सरकार क्यों नहीं परिक्षाएं आयोजित कर रही थी। इस मामले में सीधे तौर पर सरकार छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है जो उचित नहीं है।

राजभवन मार्च से रोके जाने को लेकर परमार ने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करना हमारा संवैधानिक अधिकार है। सरकार के इशारे पर पुलिस हमें अवैध तरीके से रोक रही है हम राज्यपाल से मिलकर हम उन्हें छात्रों की पीड़ा से अवगत कराना चाहते हैं लेकिन सरकार तानशाही पर उतर आई है। ये नर्सिंग स्टूडेंट्स के संवैधानिक अधिकारों का हनन है। हम भाजपा सरकार को बताना चाहते हैं कि चार महीने में चुनाव है, और नर्सिंग स्टूडेंट्स के भविष्य के साथ आपने जो खिलवाड़ किया है उसका सजा आपको भुगतना पड़ेगा । इस मौके पर राजवीर सिंह सिध्दांत आचार्य लक्की चौबे ईश्वर चौहान विराज यादव जितेंद्र विश्वकर्मा मयंक शिवहरे तनय अग्रवाल अनिकेत पटेल लखन ठाकुर और सैकड़ों नर्सिंग छात्र छात्राएं मौजूद थे ।

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं