"जो मुझको आता है, जो मुझको भाता है, जो मार्केट चाहता है" - प्रो. मेहता
उज्जैन। विश्व उद्यमिता दिवस पर इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीस (आईआईपीएस) विभाग, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन एवं सविष्कार मालवा ग्रुप के संयुक्त तत्वाधान में "इंडिया नीड्स एंटरप्रिन्योरशिप" विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में विषय विशेषज्ञ के रूप में प्रो. रक्षित मेहता ने भाग लिया।
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प्रो. रक्षित मेहता ने कहा कि, "जो मुझको आता है, जो मुझको भाता है, जो मार्केट चाहता है" हमें वहीं कार्य करना चाहिए जिससे की हम हमारे लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें और विकास की ओर अग्रसर रहें। उन्होंने आगे कहा कि, हम जो भी खास दिन मनाते है। इसके पीछे कई महत्वपूर्ण कारण या उद्देश्य होता है। इस दिन को मानने का भी एक विशेष उद्देश्य है। विश्व उद्यमिता दिवस के अवसर पर उद्यमिता, कारोबार को लेकर साथ ही नई कल्पनाएं और नेतृत्व के बारे में जागरूकता लाई जाती है। उद्योग क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है, जिससे देश की आर्थिक स्थिति में सुधार किया जा सकता है। साथ ही देश का विकास किया जा सकता है। किसी भी देश को सफलता के ऊंचाइयों पर ले जाना है तो उसमें देश की आर्थिक स्थित अच्छी होना बेहद जरूरी है। देश की आर्थिक स्थिति अच्छी बनाये रखने के लिए उद्योग क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया। सेमिनार में विभाग के एमबीए चतुर्थ, द्वितीय एवं प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने सहभागिता की। अतिथियों का स्वागत डॉ नागेश पाराशर (समन्वयक) द्वारा किया गया। विभाग के शिक्षकगण डॉ नेहा वर्मा एवं डॉ निधि चौहान साथ ही वाणिज्य विभाग के शिक्षकगण डॉ नेहा माथुर एवं डॉ परिमिता सिंह मौजूद रहे।
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