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विद्यार्थी फंगी कल्चर करने की विधि को बारीकी से समझें, तभी वे सफलतापूर्वक कल्चर कर पाएंगे - कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय


उज्जैन : प्रणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में पहुंच कर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने विद्यार्थियों को फंगी कल्चर की विशेष कक्षा ली एवं उन्हें कल्चर तकनीक से जुड़ी बारीकियां समझाईं।

शनिवार को अध्यनशाला में निरीक्षण करने पहुंचे विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने प्रणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला मे पहुंच कर विद्यार्थियों की फंगी कल्चर की विशेष कक्षा ली एवं उन्हें कल्चर तकनीक से जुड़ी बारीकियां समझाईं। गौरतलब है कि माननीय कुलपति जी अक्सर जीव विज्ञान के विद्यार्थियों को सूक्ष्म जीव के कल्चर की विधि और प्रायोगिक कार्य से जुड़े बारीकियां समझाते हैं। इसी शृंखला में माननीय कुलपति जी जब शनिवार को अध्ययनशालाओं के निरीक्षण के दौरान प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला पहुंचे तो वह विद्यार्थियों को प्रायोगिक कार्य करते देख वे उन्हें फंगी कल्चर की विधि समझाने लगे।


सर्वप्रथम माननीय कुलपति जी ने विद्यार्थियों को लैब की स्वच्छता बनाए रखने के निर्देश दिए और उन्हें समझाया कि जब तक लैब की स्वच्छता नही होगी तब तक कल्चर सफल नहीं हो पाएगा। उन्होंने बताया कि किसी भी प्लांट में यदि फंगल इन्फेक्शन हो तो उसे कल्चर मीडिया पर कल्चर करके पहचाना जा सकता है। कुलपति जी ने विद्यार्थियों को विस्तार से इनवेशन और इनोवेशन के बारे में भी समझाया।


इस अवसर पर प्रणिकी एवं जैव प्रोद्यौगिकी अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डॉ सलिल सिंह सहित सभी शिक्षकों ने माननीय कुलपति जी को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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