विश्वविद्यालय राष्ट्र के प्रमुख घटक होते हैं, जिनका प्रमुख उद्देश्य विद्यार्थियों की अकादमिक उन्नति और उनके हित में उपयुक्त शैक्षिक वातावरण देना होता है- कुलपति प्रो पाण्डेय
विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में नवीन शिक्षा सत्र में अकादमिक उन्नयन और प्रवेश प्रक्रिया को लेकर विभागाध्यक्षों की बैठक सम्पन्न
उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कार्यपरिषद कक्ष में कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में अकादमिक उन्नयन और नवीन शिक्षा सत्र में प्रवेश प्रक्रिया को सुचारु रूप से चलाने के लिए दिनांक 1 अगस्त 2023 को विशेष बैठक का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों और अधिकारियों ने भाग लिया। इसके पूर्व ऑडिट कार्य के सम्बंध में एजी ग्वालियर के अधिकारियों के साथ विभिन्न विभागों के अध्यक्षों, अधिकारियों और प्रभारियों की बैठक आयोजित की गई।
कुलपति प्रो पांडेय ने बैठक को सम्बोधित करते हुए नए सत्र में प्रवेश में व्यापक वृद्धि करने हेतु विभागों को प्रेरित किया। उन्होंने विभागाध्यक्षों से प्रवेश प्रक्रिया को सरल एवं लचीला बनाए रखने का अनुरोध किया। उन्होंने वित्तीय नियमों के अनुपालन के निर्देश उपस्थित विभागाध्यक्षों और अधिकारियों को दिए। बैठक को संबोधित करते हुए कुलपति जी ने कहा कि विश्वविद्यालय राष्ट्र के प्रमुख घटक होते हैं, जिनका प्रमुख उद्देश्य विद्यार्थियों की अकादमिक उन्नति और उनके हित में उपयुक्त शैक्षिक वातावरण देना होता है। इसलिए विश्वविद्यालय का यह दायित्व है कि वे अपनी प्रवेश प्रक्रिया को सरल एवं लचीला बनाए रखें।

वर्तमान में विक्रम विश्वविद्यालय के 35 से अधिक अध्ययनशालाओं में लगभग 280 से अधिक पाठयक्रमों के लिए प्रवेश प्रक्रिया 14 अगस्त तक निरन्तर है। इसी संबंध में प्रवेश की अद्यतन स्थिति, इसकी प्रक्रिया और प्रवेश में व्यापक अभिवृद्धि करने के प्रयासों के उद्देश्य से कुलपति प्रोफेसर पांडेय ने विभागाध्यक्षों की बैठक ली और अध्ययनशालाओं में प्रवेश की स्थिति का जायजा लिया।
विभागाध्यक्षों को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो पांडेय ने कहा कि सभी विभागाध्यक्ष और प्रवेश समिति प्रवेश लेने के इच्छुक विद्यार्थियों को विभाग में उचित मार्गदर्शन की व्यवस्था करें। अपने विभाग द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों की जानकारी सोशल मीडिया, सूचना सामग्री सहित सभी माध्यमों से विद्यार्थी तक पहुंचाने का प्रयास करें। साथ ही उन्होंने बाहर से आने वाले विद्यार्थियों को किसी प्रकार की असुविधा से बचाने का आग्रह किया और कहा कि यदि सुदूर से आए विद्यार्थी के लिए शिक्षक कार्य अवधि के अतिरिक्त समय में भी उपलब्ध रहें। अपनी बात को बढ़ाते हुए कुलपति जी कहा कि समस्त शिक्षकों से आग्रह किया कि समस्त प्रवेशार्थियों को शिक्षक अपने बच्चों के समान समझ कर उन्हें उचित मार्गदर्शन प्रदान करें। साथ ही सदैव विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध रहें। यह सुनिश्चित करे कि विद्यार्थियों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। गौरतलब है कि अभी तक विश्वविद्यालय में 35 से अधिक अध्ययनशालाओं में 3850 से अधिक पंजीयन हुए हैं। कुलपति जी ने विभागाध्यक्षों से प्रवेश में और वृद्धि करने के लिए प्रयासरत रहने की अपील की।

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