Skip to main content

मिलेट्स के प्रचार प्रसार एवं जागरूकता में निटर भोपाल निभा रहा महत्वपूर्ण भूमिका

भोपाल। वर्ष 2023 को "इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स" घोषित किया गया है। भारत सरकार की इस पहल में निटर भोपाल महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा हे। 

एन.आई.टी.टी.टी.आर, भोपाल के निदेशक प्रो. सी.सी. त्रिपाठी के अनुसार हमने भारत सरकार के इस महत्वपूर्ण मिशन  में अपनी सहभागिता एवं सामाजिक उत्तरदायित्व  के लिए पहल करते हुए मिलेट्स से जुड़े पहलुओं पर कार्य करने का प्रयास किया है। यह हमारा दायित्व भी है कि आने वाली पीढ़ी को मिलेटस के बारे में बताये एवं उन्हें जागरूक करें। संस्थान ने मिलेट्स के महत्व पर एक शार्ट फिल्म का निर्माण किया। इस फिल्म में मिलेट से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारियां दी गयी हैं। संस्थान ने  मिलेट्स के महत्व पर जाने माने विशेषज्ञों के व्याख्यान आयोजित कर  मिलेट्स के व्यंजनों पर कार्यशाला भी आयोजित की है। संस्थान की मेस में समय समय पर मिलेट्स से बने खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराये जाते हैं। इस फिल्म को निटर द्वारा देश भर के तकनीकी शिक्षकों के लिए वर्ष भर आयोजित किये जाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भी दिखाया जा रहा है। 

प्रो. सी.सी. त्रिपाठी ने कहा कि इस फिल्म के प्रदर्शन हेतु विभिन्न संस्थानों को पत्र लिखे गए थे जिसका बहुत अच्छा रिस्पॉन्स रहा है। हमारी फिल्म को प्रदर्शित कर  राजाभोज एयरपोर्ट भोपाल, रानी कमलापति रेलवे स्टेशन, दूरदर्शन मध्य प्रदेश, निजी चेनल्स, एम्स भोपाल,देशभर के स्कूल्स, कॉलेज, केंद्रीय एवं राज्य सरकार के संस्थान एवं कार्यालय मिलेटस के प्रचार प्रसार एवं जागरूकता में सहभागी  बने हैं।  हम इन सभी संस्थानों के प्रमुख को  हृदय से धन्यवाद देते हैं एवं उनके आभारी  हैं।

डीन कॉर्पोरेट एंड इंटरनेशनल रिलेशन्स एवं जनसंपर्क अधिकारी प्रो. पी के पुरोहित ने बताया कि निटर की मिलेटस पर बनी फिल्म विभिन्न संस्थानों में प्रदर्शित की जा चुकी है एवं काफी लोकप्रिय रही है। इस फिल्म को विभिन्न संस्थानों में समूह में 15000 से अधिक बार देखा गया है। जिसके व्यक्तिगत रूप से देखने की संख्या इससे कई गुना ज्यादा है। हमें मध्य प्रदेश के मीडिया का भी बहुत सकारात्मक एवं रचनात्मक सहयोग प्राप्त  हो रहा है। हम इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया के आभारी हैं। इस फिल्म का निर्देशन प्रो अस्मिता खजांची एवं प्रो एस एस केदार ने किया है।

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं