Skip to main content

भारत स्काउट एवं गाइड मध्यप्रदेश फेलोशिप सदस्यों का सम्मान

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया, वरिष्ठ पत्रकार 🙏

भोपाल । मध्य प्रदेश में स्काउट एवं गाइड आंदोलन के विकास में सहयोग हेतु भारत स्काउट एवं गाइड मध्य प्रदेश  फाउंडेशन फैलोशिप सदस्यों का  राज्य मुख्यालय, भोपाल में राज्य मुख्य आयुक्त श्री पारसचन्द्र जैन द्वारा सम्मान -  किया गया ।

कार्यक्रम का शुभारंभ, प्रातः  9 बजे सभी आमंत्रित सदस्यों को तिलक लगाकर, शांति व प्यार के प्रतीक गुलाब का फूल देकर स्वागत किया गया । पूर्व निर्धारित कार्यक्रम अनुसार सभी सदस्यों को राज्य मुख्यालय के सभा कक्ष में राज्य मुख्य आयुक्त श्री पारसचन्द्र जैन पूर्व मंत्री व विधायक उज्जैन उत्तर के आगमन के साथ पुष्प वर्षा करके सभी ने स्वागत किया।

कार्यक्रम का संचालन राज्य प्रशिक्षण आयुक्त स्काउट  श्री बी. एल. शर्मा द्वारा  किया गया। सम्मान समारोह में  राज्य उपाध्यक्ष श्री ओ.पी. गुप्ता मुरैना, राज्य सचिव  श्री राजेंद्र प्रसाद मिश्रा (आईएएस सेवानिवृत्त), राज्य कोषाध्यक्ष व कर्मचारी कल्याण समिति अध्यक्ष  -सह- राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त   श्री रमेशचंद्र जी शर्मा तथा राज्य आयुक्त रोवर श्री राजीव जैन व राज्य संगठन आयुक्त गाइड श्रीमती चंद्रकांता उपाध्याय व  सहायक राज्य संगठन आयुक्त स्काउट संभाग उज्जैन डॉ सुरेश पाठक की उपस्थिति में स्काउट प्रार्थना "दया कर दान भक्ति का हमें परमात्मा देना'"   के पश्चात सभी उपस्थित फैलोशिप सदस्यों तथा राज्य मुख्यालय के पदाधिकारी  द्वारा परिचय दिया गया। इस सत्र में सभी आमंत्रित सदस्यों ने स्काउट गाइड के क्षेत्र में किए गए अपने अनुभवों पर अपने विचार व्यक्त किए   ।  सभी सदस्यों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में स्काउटिंग क्षेत्र में किया जा रहे कार्यों की जानकारी दी गई, जिसमें कुछ मुद्दे भी उभर कर आए कि,  संस्थानों में स्काउट शुल्क न लिए जाने से संस्था में पैसा ना होने की वजह से पूर्व में चल रही  स्काउटिंग गतिविधियों में कमी का आ जाना ।

दूसरा मुद्दा प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में दल का गठन तो हो जाता है,  लेकिन दल पंजीयन की राशि जमा नहीं हो पा रही है ।

तीसरा मुद्दा संस्थानों में फंड न होने से स्काउट यूनिफॉर्म के अभाव में भी गतिविधियां धरातल पर ही न होना ।

चौथा, विशेष मुद्दा संस्था प्रमुख द्वारा भी स्काउट गाइड के प्रमाण पत्र का शासकीय सेवा में बोनस अंक केवल रेलवे तथा रक्षा सेवा में होने लेकिन अन्य प्रतियोगी  परीक्षाओं में प्रमाण पत्र के अंकों का जोड़ा  न जाना । इस को भी बात कर केवल संस्था के बेहतर और अच्छे परिणाम हेतु शिक्षा पर ही ध्यान देने पर निर्देश दिए जाते हैं तथा स्काउटिंग गतिविधियों में भाग लेने हेतु भी स्काउट फंड का अभाव बताकर कार्य मुक्त करने में भी परेशानी आती है। कार्यक्रम में सभी सहभागियों की समस्याओं का राज्य आयुक्त रोवर श्री राजीव जैन और राज्य मुख्य आयुक्त माननीय श्री पारसचन्द्र जैन द्वारा भी लिपिबद्ध किया जा रहा था। इसके बाद फैलोशिप सदस्यों के  सदस्यता शुल्क वृद्धि पर एक कार्य योजना पर सभी सदस्यों ने अपनी सहमति देते हुए कार्य योजना तैयार की गई।

प्रथम सत्र की समाप्ति के पश्चात सभी के द्वारा सहभोज, सभी राज्य पदाधिकारी के साथ आनंदपूर्वक, सुरुचि पूर्ण भोजन ग्रहण किया गया। 

भोजन के बाद द्वितीय सत्र का शुभारंभ  में  राज्य  मुख्य आयुक्त श्री पारसचन्द्र जैन  द्वारा प्रतिज्ञा दिलाई गई ।

इसके बाद सभी फैलोशिप सदस्यों का राज्य मुख्य आयुक्त श्री  पारसचन्द्र जैन व अन्य पदाधिकारी की उपस्थिति में डाॅ .सुरेश पाठक, संभागीय अधिकारी  स्काउट उज्जैन संभाग की प्रेरणा से फैलोशिप सदस्य श्री मनीष जैन (पीपाड़ा ) आजीवन सदस्य, उद्योगपति द्वारा सभी को अपनी ओर से टी-शर्ट तथा श्री अजय राजावत पदाधिकारी जिलासंघ एवम समाजसेवी झाबुआ द्वारा शोल्डर बैग  प्रदान किये गये । जिस पर राज्य मुख्यायुक्त महो द्वारा दोनो दानदाताओ का सम्मान किया गया साथ ही माननीय राज्य मुख्य आयुक्त द्वारा सभी आमंत्रित फेलोशिप सदस्यों को सम्मान - पत्र के साथ पदक दे कर सम्मानित किया गया ।  उक्त सम्मान समारोह में  सभी  सदस्यों  ने अपने  विचार व्यक्त किए। जिसमें श्रीमती  रेखा भदोरिया (भिंड) ने प्रमाण पत्र के मूल्यांकन हेतु बार कोड की आवश्यकता पर कहा कि इन प्रमाण पत्रों को जब शासकीय अभिलेखों में दर्ज करवाया जाता है, तो वह अमान्य हो जाते है और स्काउट गाइड को जो लाभ मिलना चाहिए वह नहीं मिलता है। इस कारण स्काउट गाइड  गतिविधियों के प्रति रुझान कम होता जा रहा है। इस बात को संज्ञान में लेते हुए राज्य मुख्य आयुक्त श्री पारसचन्द्र जैन जी द्वारा राज्य सचिव श्री राजेंद्र प्रसाद मिश्र को   प्रमाण पत्रों पर बारकोडिंग हेतु शासन को तत्काल ही कार्य योजना तैयार करने हेतु निर्देश दिए गए। इसी प्रकार  सदस्यों के प्रस्ताव कि पुराने पाठ्यक्रम को वर्तमान परिस्थितियों अनुसार बदलाव लाने पर भी विचार किया जाए । इसी क्रम में एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव आया कि जो भी स्काउट गाइड अगर प्रतिभाशाली हैं लेकिन धनराशि के अभाव में वह राज्य अथवा राष्ट्रीय  व राज्य स्तर की रैली /शिविर में पर भाग नहीं ले सकता हो तो उसका फैलोशिप फंड से  खर्च  उठाना चाहिए । इन प्रमुख बिंदुओं पर भी विचार विमर्श किया गया । दान राशि का उपयोग  समाज के हित हेतु  करना। दूसरा, गरीब बच्चों की फीस और पौष्टिक भोजन हेतु करना । तीसरा, बच्चों को नशे की लत से निकाल कर लाना और बाल भिक्षा-वृत्ति से दूर करने हेतु एक प्रोजेक्ट के रूप में चलाना ।

चौथा प्रतिभाशाली एवं गरीब 100 बच्चों को  प्रतिवर्ष रुपए 1000/- स्थाई फंड के रूप में रखना। इन बिंदुओं की पुष्टि के बाद राज्य मुख्य आयुक्त द्वारा  अपने उद्बोधन में कहा गया कि, मैं पिछले कई वर्षों से आप सभी फैलोशिप सदस्यों से मिलना चाहता था , लेकिन कोविड व अन्य कारणों से मिलने का मौका नहीं मिला, क्योंकि मेरा यह कार्यक्रम उज्जैन में ही रखना चाहता था, मगर अपरिहार्य  कारणों से रख नहीं पाया , मगर जैसे ही राज्य मुख्यालय से यह यहां प्रस्ताव आया कि 22 जुलाई को आपको  इस कार्यक्रम के आयोजन हेतु  सहमति चाहिए तो मैं तत्काल ही अपनी सहमति दे दी । मुझे आपके  समय का भी ध्यान है । मैं केवल मुद्दे पर आता हूं  कि, 52 जिलों वाले मध्य प्रदेश में मात्र 42 ही फैलोशिप सदस्य की  संख्या होना चिंता का विषय है। आप सभी के द्वारा अच्छा प्रयास किया जा रहा है । लेकिन, मेरी इच्छा यह है कि  अगले वर्ष फेलोशिप सदस्यों के सम्मेलन 25 -26 अक्टूबर 2024   में  फैलोशिप सदस्यों की संख्या 1000 रखने का लक्ष्य लेकर चलना है।  जिसमें समस्त जन प्रतिनिधियों, जिला अधिकारियों, प्रत्येक विभाग को फैलोशिप सदस्यता अभियान को जोड़ने हेतु तथा इसके  प्राप्त दान  को इनकम टैक्स की छूट  देने की  योजना शासन  के समक्ष रखने  हेतु पत्र व्यवहार का दायित्व  राज्य सचिव श्री राजेंद्र प्रसाद मिश्रा जी को सौंपता हूं। साथ ही  राज्य आयुक्त रोवर श्री  राजीव  जैन इसमें सहयोग करेंगे । साथ ही में यह भी घोषणा करता हूं कि मैं फैलोशिप फंड में ₹5000 प्रति वर्ष दूंगा । साथ ही, यह भी संकल्प लेता हूं कि जीवन के साथ भी और जीवन के बाद भी इस फंड को लगातार यह राशि मिलती  रहे, ऐसी व्यवस्था की जावेगी और इसी अनुकरणीय पहल  का  स्वागत एवम समर्थन करते हुए रुपए 2100 प्रतिवर्ष देने का  राज्य आयुक्त रोवर श्री राजीव जैन  ने अपने जीवन के साथ और जीवन के बाद भी जारी रखने का संकल्प लिया।


 इसी कार्यक्रम में राज्य मुख्य आयुक्त जी के परम मित्र श्री राजेंद्र भूतड़ा, प्रोफेसर पॉलिटेक्निक कॉलेज भोपाल ने भी  प्रभावित होकर 21000 राशि का सहयोग देकर फेलोशिप सदस्यता  ग्रहण की । इसी कड़ी में अन्य सदस्यों ने अपना योगदान दिया जिसमे प्रमुख रूप से  सहारा शैक्षणिक समूह के प्रबंधक डॉ मनोज दुबे ने 11000/, नर्मदापुरम  के वरिष्ठ स्काउटर श्री विनोद मालवीय द्वारा रुपए 5000, श्रीमती सविता भाटिया राज्य आयुक्त बुलबुल ग्वालियर द्वारा 11000,  श्री विजय शिंदे  वरिष्ठ स्काउटर जिला धार  द्वारा 2100  की राशि  प्रदान की ।

इस गरिमापूर्ण कार्यक्रम के समापन अवसर पर राज्य संगठन आयुक्त गाइड श्रीमती चंद्रकांता उपाध्याय द्वारा कार्यक्रम में सभी सम्मानित फेलोशिप सदस्यों के सम्मिलित होने पर आभार  प्रदर्शन किया गया पश्चात आमंत्रित फैलोशिप सदस्यों  का  समूह फोटो हुआ एवम  राष्ट्रगान  के साथ  सम्मान समारोह   संपन्न हुआ ।


✍ राधेश्याम चौऋषिया 
● सम्पादक, बेख़बरों की खबर
● राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार, जनसम्पर्क विभाग, मध्यप्रदेश शासन
● राज्य मीडिया प्रभारी, भारत स्काउट एवं गाइड मध्यप्रदेश
● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक निर्णायक
● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक मालव क्रान्ति

Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर 

हिन्दी भाषा में प्रकाशित मासिक राष्ट्रीय पत्रिका,
*बेख़बरों की खबर* , 
पढ़ने के लिए नीचे दी गई लिंक पर जाएँ/क्लिक करें/छुएँ..👇

https://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-Ki-Khabar

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं