मेडिसनल उपयोगिता वाले पेड़-पौधों से समृद्ध है, विक्रम विश्वविद्यालय का परिसर, विश्वविद्यालय का फार्मेसी एवं बायोटेक्नोलॉजी विभाग इनके मुख्य: कंपोनेंट अलग कर इससे प्रोडक्ट तैयार करने का प्रयास करें – कुलपति प्रो पांडेय
उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के परिसर में विद्यार्थियों के साथ भ्रमण करते हुए दिनांक 21 जुलाई 2023 को विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने विद्यार्थियों से परिसर में पाए जाने वाले मेडिसनल उपयोगिता वाले पेड़, पौधे और मशरूम को पहचान कर उनके कम्पोनेंट का आइसोलेशन कर उपयोगी प्रोडक्ट बनाने की अपील की।

विक्रम विश्वविद्यालय के प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के विद्यार्थियों ने दिनांक 21 जुलाई 2023 को विश्वविद्यालय परिसर का भ्रमण कर मेडिसनल उपयोगिता वाले पेड़-पौधों एवं मशरूम का अध्ययन किया। इसी दौरान विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने विद्यार्थियों को इन मेडिसनल उपयोगिता वाले पौधों और मशरूम की विभिन्न प्रजातियों से अवगत कराया। विद्यार्थियों से चर्चा करते हुए माननीय कुलपति जी ने कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय का परिसर मेडिसनल उपयोगिता वाले पेड़-पौधों से समृद्ध है, विश्वविद्यालय का फार्मेसी एवं बायोटेक्नोलॉजी विभाग इसके मुख्य: कंपोनेंट अलग कर इससे प्रोडक्ट तैयार करने का प्रयास करें।
विद्यार्थियों को परिसर में पाए वाले कई पौधों से अवगत कराते हुए माननीय कुलपति जी ने कहा कि यहां मशरूम की गनोडरमा प्रजाति के साथ यहाँ लियूकोकोप्रिनस क्रीटेशस के साथ पोडोस्काइफा पेटालोदुसाद भी पाए जाते हैं । उन्होंने यह भी बताया यह सभी मशरूम की प्रजातियां शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करती हैं और कई बीमारियाँ जैसे बुखार, टाइफाइड, कैंसर आदि के उपचार में इस्तेमाल की जाती हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि पोडोस्काइफा पेटालोदुसाद का उपयोग शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की तरह किया जाता है और इसमें एंटी वायरल गुण भी होते हैं जो वायरल इन्फेक्शन में उपयोगी होते हैं उन्होंने कहा कि छात्र इन सभी मशरूम और अन्य पौधों से उपयोगी हिस्से को अलग कर उससे फार्मा विभाग की मदद ले कर विभिन्न हर्बल उत्पाद बनाने का प्रयास करे। इस अवसर पर प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डॉ सलिल सिंह एवं विभाग के शिक्षकों ने माननीय कुलपति जी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
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