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मछुआरा दिवस के उपलक्ष्य में मत्स्य विभाग, उज्जैन एवं विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के संयुक्त तत्वावधान में मछुआरों के लिए विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया

उज्जैन। मछुआरा दिवस के उपलक्ष्य में मत्स्य विभाग, उज्जैन एवं विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के संयुक्त तत्वावधान में मछुआरों के लिए विशेष कार्यक्रम का आयोजन वनस्पति एवं पर्यावरण प्रबंधन अध्ययनशाला के सभागृह में किया गया।       

दिनांक 10 जुलाई 2023 को मछुआरा दिवस के अवसर पर मत्स्य विभाग, उज्जैन एवं विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के संयुक्त तत्वावधान में मछुआरों के लिए विशेष कार्यक्रम  वनस्पति एवं पर्यावरण प्रबंधन अध्ययनशाला के सभागृह में आयोजित किया गया। 

कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती पूजन से हुई, जिसके उपरांत जीव संकाय के संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर डी एम कुमावत द्वारा स्वागत भाषण दिया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय श्री सीताराम बाथम, अध्यक्ष मध्य प्रदेश मछुआरा कल्याण बोर्ड थे। उन्होंने अपने उद्बोधन में मछुआरों के कल्याण से संबंधित कई योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने मछुआरों से सीधा संवाद करते हुए उन्हें कई ऐसी तकनीकों के बारे में भी बताया जो  मछुआरों के लिए अत्यधिक लाभकारी हो सकती है। 

कार्यक्रम में उज्जैन जिले के अनेक मछुआरे ने भाग लिया। माननीय बाथम जी और समस्त मत्स्य विभाग के अधिकारियों द्वारा मछुआरों को मध्य प्रदेश शासन द्वारा संचालित विभिन्न  कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी गई। 

अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के मत्स्य विशेषज्ञों द्वारा मछुआरों को मछली पालन से संबंधित वैज्ञानिक जानकारी भी प्रदान की गई। इस अवसर पर हर्ष जताते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि यह कार्यक्रम विक्रम विश्वविद्यालय के जीव संकाय विभाग एवं मत्स्य विभाग के संयुक्त तत्वाधान से आयोजित किया गया है। उन्होंने यह भी बताया की मछुआरा दिवस श्री हीरालाल चौधरी जी के सम्मान में मनाया जाता है जो भारत में प्रेरित प्रजनन के जनक माने जाते हैं। उन्होंने यह भी बताया की मत्स्य पालन भारत की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत है। कौटिल्य के अर्थशास्त्र और राजा सोमेश्वर के मानसोल्लास जैसे ऐतिहासिक ग्रन्थों में मत्स्य उत्पादन का उल्लेख मिलता है।

विद्यार्थियों को मछली पालन जैसे रोजगारपरक पाठ्यक्रम में निपुण करने के उद्देश्य से ही विक्रम विश्वविद्यालय का प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग मछली पालन के पाठ्यक्रम संचालित करता है और विश्वविद्यालय का यह प्रयास है कि इस पाठ्यक्रम के विद्यार्थी अतिरिक्त प्रायोगिक शिक्षा मत्स्य विभाग से प्राप्त करें जिससे उनके ज्ञान में वृद्धि हो सकेगी। उन्होंने यह भी कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय सदैव ऐसे सामाजिक और विद्यार्थी कल्याणकारी कार्यक्रमों से जुड़ने के लिए तत्पर रहता है, साथ ही उन्होंने यह भी बताया की जल्द ही विक्रम विश्वविधालय मत्स्य विभाग के साथ एम ओ यू भी करेगा जिससे अधिक से अधिक विद्यार्थी मत्स्य विभाग में जुड़कर मत्स्य पालन सीख सकेगे साथ ही मत्स्य का इस्तेमाल करके विभिन्न उत्पाद भी बनाना सीख सकेगे, जो कि भारत के प्रधान मंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। 

इस कार्यक्रम में मत्स्य विभाग से श्रीमती सोना यादव उपसंचालक मत्स्योध्योग उज्जैन संभाग उज्जैन, श्रीमती विनीता गौतम सहायक संचालक जिला उज्जैन, नीलम नर्रे ऐ एफ ओ, जिला उज्जैन, श्रीमती अजीता ठाकुर, श्री मंडलोई, श्री मिश्रा जी,देवास, श्री एच बी मानकर, देवास, श्री महाजन जी, एवं विक्रम विश्वविद्यालय से प्रोफेसर एस के मिश्रा, प्रोफेसर संदीप तिवारी, डॉक्टर अरविंद शुक्ला, डॉक्टर जगदीश शर्मा, डॉक्टर शिवी भसीन, डॉक्टर पराग दलाल, डॉक्टर मुकेश वाणी आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती अजीता केलवा ने किया एवं आभार श्रीमती सोना यादव ने माना।

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