Skip to main content

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा का राष्ट्रीय अधिवेशन संपन्न, राष्ट्रीय पदाधिकारीयों का हुआ निर्वाचन

 

उज्जैन । स्थानीय विक्रम कीर्ति मंदिर उज्जैन में महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शिवराम सिंह गौर दिल्ली ने महासभा का केसरिया ध्वजारोहण कर अधिवेशन का शुभारम्भ किया।

राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. गौर,राष्ट्रीय प्रमुख महामंत्री श्री सुरेन्द्र सिंह तोमर, राष्ट्रीय निर्वाचन अधिकारी श्री राजीव सिंह भदौरिया द्वारा क्षत्रिय आराध्य प्रभु श्री राम व महाराणा प्रताप के चित्रों के सम्मुख दीप प्रज्जवलित किया। महासभा की उज्जैन इकाई की और से  राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री अंगद सिंह भदौरिया, विजय सिंह भदोरिया द्वारा अतिथियो को साफा बांधकर स्वागत किया गया।

शुभारम्भ सत्र का संचालन राष्ट्रीय महामंत्री राजेश सिंह कुशवाह ने किया।

अधिवेशन में तीन प्रस्ताव पारित किए गए। पारित राजनीतिक प्रस्ताव में निर्णय लिया गया की अब राजपूत क्षत्रिय समाज अपने दम पर लोकसभा और विधानसभाओं के निर्वाचन मे निर्दलीय प्रत्याशीओ को समर्थन कर उन्हें जीतकर सदन में भेजकर अपनी शक्ति दिखाएगा। 

क्षत्रीय एकजुट होकर सदन में निर्दलियों की संख्या बदाएगे क्योंकि देश के सभी राजनीतिक दल वोटो के लिए तुष्टिकरण में लगे होने से सभी सामान्य अनारक्षित वर्ग की अनदेखी व उपेक्षा कर रहे हैं अब यह सहन नहीं किया जाएगा। 

दूसरे प्रस्ताव में राजपूतों को भी सिखों की तरह बिना लाइसेंस  कृपाण रखने की अनुमति प्रदान करने व आग्नेय शस्त्रों की अनुज्ञा मे वरियता प्रदान करने , सेना, पुलिस, अर्द्ध सैनिक बलों की भर्ती में वरीयता प्रदान की जानी चाहिए। निर्वाचन व शासकीय संस्थानों में अनारक्षित सीटो पर आरक्षित वर्ग का प्रवेश वर्जित किया जाए। आरक्षण का लाभ किसी भी नागरिक को जीवनकाल में एक बार ही दिया जावे। संगठनात्मक प्रस्ताव में संगठन को मजबूत करने वाले को आगे बढ़ाने के साथ साथ यूवाओ और क्षत्राणियों को भी आगे करने का निर्णय लिए गए। अधिवेषण में पारित प्रस्तावों को देश के महामहिम राष्ट्रपति जी को  भेज कर क्रियान्वयन हेतु भेजा जाएगा।

अधिवेशन में भारत के विभिन्न प्रदेशों से 450 प्रतिनिधि सम्मलित हुए। जिन्होंने लोकतांत्रिक व्यवस्था से राष्ट्रिय अध्यक्ष का निर्वाचन किया। राष्ट्रीय निर्वाचन अधिकारी श्री राजीव सिंह भदौरिया द्वारा कार्यकारिणी के सभी पदों पर नामांकन पत्र दाखिल करने का कार्यक्रम घोषित किया गया तय समय पर एक भी नामांकन प्राप्त नही होने पर राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शिवराम सिंह गौर ने अध्यक्ष हेतु श्री सुरेन्द्र सिंह तोमर के नाम का प्रस्ताव रखा जिसे सभी ने सर्वानुमति से स्वीकार करने पर निर्वाचन अधिकारी द्वारा श्री सुरेन्द्र सिंह तोमर को निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित घोषित किया गया। पूर्व अध्यक्ष डॉ शिवराम सिंह व नवनिर्वाचित अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह का भव्य स्वागत किया गया, शॉल श्रीफल व तलवार भेंट की गई। महासभा में 6 दशक पूर्ण करने पर डॉ. शिवराम सिंह जी को अभिनंदन पत्र भेट किया गया।

नवनिर्वाचित अध्यक्ष की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की प्रथम बैठक सम्पन्न हुई जिसमे उपस्थित सभी सदस्यों द्वारा नवीन पदाधिकारीयों की नियुक्ति का अधिकार अध्य्क्ष को प्रदान करने के उपरांत नवनिर्वाचित अध्यक्ष द्वारा नवीन राष्ट्रीय कार्यकारिणी घोषित की गई ।

प्रमुख महामंत्री - राजेश सिंह कुशवाह, 

उपाध्यक्ष - राजीव सिंह भदोरिया, भेरू सिंह चौहान, अंगद सिंह भदौरिया, निहाल सिंह चौहान, 

महामंत्री - प्रहलाद सिंह तंवर

मंत्री - विजय सिंह सावनेर, हेमलता तोमर

कोषाध्यक्ष - श्याम सिंह तोमर

संगठन मंत्री - यशपाल सिंह सिसौदिया

प्रचार मंत्री - हितवेंद्र सिंह राघव

प्रवक्ता -राजबहादुर राणा प्रमुख रूप से राष्ट्रीय पदाधिकारी रंहेगे बाकी पदाधिकारियों की घोषणा बाद में की जवेगी।

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं