शतरंज मस्तिष्क की योग्यताओं एवं क्रियाशीलता को विकसित कर उसकी क्षमता को प्रखरता प्रदान करता है - कुलपति प्रोफेसर पांडेय
ऑल इंडिया ओपन रैपिड शतरंज प्रतियोगिता का समापन एवं पुरस्कार वितरण कार्यक्रम सम्पन्न
उज्जैन। बुध्दिबल चैस एकेडमी के तत्वावधान में ₹100,000 नगद पुरस्कार राशि वाली ऑल इंडिया रैपिड चैस प्रतियोगिता का समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह परमेश्वरी गार्डन, इंदौर रोड पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। इस अवसर पर आयोजन समिति के अध्यक्ष विक्रम एवं विश्वामित्र अवॉर्डी डॉ. आशीष मेहता, इंटरनेशनल आर्बिटर यशपाल अरोरा एवं राष्ट्रीय आर्बिटर एवं प्रशिक्षक नीरज सिंह कुशवाह विशेष रूप से उपस्थित थे।
पुरस्कार वितरण के अवसर पर बोलते हुए कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने कहा कि जिस प्रकार शारीरिक खेल शरीर के स्ट्रेंथ, पावर, फ्लेक्सिबिलिटी, एजिलिटी इत्यादि विभिन्न शारीरिक योग्यताओं को विकसित कर शरीर को हष्ट -पुष्ट एवं फुर्तीला बनाता है उसी प्रकार पुरातन भारतीय खेल शतरंज मस्तिष्क की योग्यताओं एवं क्रियाशीलता को विकसित कर उसके कार्य करने की क्षमता को प्रखरता प्रदान करता है। शतरंज का उत्कृष्ट खिलाड़ी किसी भी कार्य को श्रेष्ठता के साथ सम्पादित करने में सक्षम है। प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत प्रिंस विल्सन, रोहित परमार, कृष्णकांत तिलवे, अवि बागड़ी, श्रीमती प्रभा कुशवाहा, अर्चना मालवीय, डॉ दीपाली कुलकर्णी एवं आर्बिटर नितेश जैन ने किया। स्वागत भाषण आयोजन समिति के सचिव प्रिंस विल्सन ने दिया।
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