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अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस पर विक्रम विश्वविद्यालय में हुआ योग महोत्सव कार्यक्रम

अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस पर हुआ सामूहिक योगाभ्यास और योग चेतना प्रसार के लिए आयोजन


उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के योग केन्द्र, दर्शनशास्त्र अध्ययनशाला द्वारा 21 जून 2023 को विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन परिसर स्थित प्रांगण में अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर वसुधैव कुटुम्बकम् के लिए योग विषय पर योग प्रोटोकाल के अन्तर्गत योग महोत्सव कार्यक्रम संपन्न हुआ। सामूहिक योगाभ्यास का आयोजन किया गया। योगाभ्यास कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय, विश्वविद्यालय कार्यपरिषद सदस्य श्री राजेशसिंह कुशवाह, कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक, कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, डीएसडब्ल्यू प्रो एस के मिश्रा, प्रो प्रेमलता चुटैल आदि ने सम्मिलित होते हुए उपस्थित जनों को योग दिवस की बधाई दी।


सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम का आरम्भ कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय के उद्बोधन के साथ हुआ। कुलपति जी ने जीवनचर्या में योगाभ्यास के महत्व को रेखांकित करते हुए योग को जीवनचर्या का हिस्सा बनाने की बात कही। कार्यक्रम के अन्त में योग केन्द्र के विद्यार्थियों द्वारा कठिन योगासनों का संगीतमय प्रस्तुतीकरण किया गया।

सामूहिक योगाभ्यास में योगकेन्द्र के साथ-साथ राष्ट्रीय सेवा योजना तथा नेशनल कैडेट कोर के युवा स्वयं सेवकों सहित विश्वविद्यालय तथा छात्रावासों के विद्यार्थियों, शिक्षकों तथा अधिकारी-कर्मचारी सहित लगभग 500 लोग सम्मिलित हुए। सामूहिक योगाभ्यास में योगाचार्य डॉ बिन्दु सिंह पंवार द्वारा योग प्रोटोकाल के अन्तर्गत सूक्ष्म व्यायाम सहित खड़े होकर, बैठकर तथा लेटकर करने वाले कुल सोलह आसनों तथा प्राणायामों का सामूहिक अभ्यास कराया गया।

कार्यक्रम में डीएसडब्ल्यू एवं दर्शनशास्त्र अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष प्रो एस के मिश्रा ने शीर्षासन कर उपस्थित जनों को योग की महिमा को अंगीकार करने पर बल दिया।

इस अवसर पर प्रो. धर्मेन्द्र मेहता, प्रो. उमा शर्मा, प्रो. दीनदयाल बेदिया, डॉ डी के बग्गा, डॉ क्षमाशील मिश्रा, डॉ संग्राम भूषण, डॉ गणपत अहिरवार, डॉ रमण सोलंकी आदि सहित अनेक शिक्षक तथा विद्यार्थी उपस्थित थे। योगाभ्यास कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों के एक साथ योगा प्रोटोकाल के अनुसार योगासन करने से मनमोहक दृश्य बन रहा था।

स्वागत भाषण विभागाध्यक्ष प्रो एस. के. मिश्रा ने दिया। आभार प्रदर्शन कुलानुशासक प्रो. शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने किया।

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