Skip to main content

विद्यार्थी अपने गुरु से ज्ञान ग्रहण करें, मेहनत करें और अपने लक्ष्य तक पहुंचे - कुलपति प्रोफेसर पांडेय

विश्वविद्यालय परिक्षेत्र में रहने वाले विद्यार्थियों को अपने परिक्षेत्र से बाहर पलायन न करना पड़े, उनके लिए यहीं सब विकल्प उपलब्ध हों – कुलपति प्रो पांडेय 

उज्जैन : विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने शाजापुर के एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए दसवीं एवं बारहवीं के प्रतिभावान विद्यार्थियों का सम्मान किया और उन्हें विक्रम विश्वविद्यालय की प्रमुख विशेषताओं से अवगत करवाया। दिनांक 18 जून 2023 को विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने शाजापुर के एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए दसवीं एवं बारहवीं के प्रतिभावान विद्यार्थियों का सम्मान किया।  साथ ही उन्हें विक्रम विश्वविद्यालय की प्रमुख विशेषताओं से अवगत करवाया। शाजापुर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा दसवीं एवं बारहवीं के प्रतिभावान विद्यार्थियों का सम्मान किया गया, जिसमें विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। 

विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए माननीय कुलपति जी ने कहा कि विद्यार्थी अब अपने जीवन की प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं। अतः अब उन्हें आगे की शिक्षा का विकल्प चुनना होगा, जिसके लिए विक्रम विश्वविद्यालय कई उत्तम विकल्प लाया है। 

गत दो वर्षों से विक्रम विश्वविद्यालय ने कई रोजगारपरक पाठ्यक्रम प्रारम्भ किए हैं, जो विद्यार्थियों के लिए अत्यधिक हितकारी सिद्ध हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय का सदैव यही प्रयास रहा है कि विक्रम विश्वविद्यालय परिक्षेत्र में रहने वाले विद्यार्थियों को अपने परिक्षेत्र से बाहर पलायन न करना पड़े और उनके लिए यहीं सब विकल्प उपलब्ध हो। 

विद्यार्थियों से संवाद स्थापित करते हुए माननीय कुलपति जी ने कहा कि कोई भी शिक्षक अपने विद्यार्थियों में समान ज्ञान के बीज रोपित करता है, उसे सिंचित करता है, किंतु विद्यार्थी कितना ज्ञान ग्रहण करेगा यह उसकी क्षमता पर निर्भर करता है। अपनी बात को समझाते हुए उन्होंने कहा की द्रोणाचार्य तो एक ही थे, अर्जुन भी उन्हीं का शिष्य था और दुर्योधन भी उन्हीं का अर्थात् विद्यार्थी अपने गुरु से ज्ञान ग्रहण करें, मेहनत करें और अपने लक्ष्य तक पहुंचे। विद्यार्थी यदि जीवन में सफल होना चाहते हैं तो वे स्वामी विवेकानंद का स्मरण करते हुए अपने अंदर दया, सहजता, क्षमाशीलता, सरलता, अथक मेहनत और दृढ़ संकल्प जैसे गुणों को जीवन का आधार बनायेंगे तो एक दिन वे अवश्य सफलता के उच्चतम शिखर पर पहुँचेंगे। 

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर प्रशांत पुराणिक ने कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय का प्रयास प्रतिभावान विद्यार्थियों के  पलायन को रोकने का है, जिसके लिए विश्वविद्यालय हर संभव प्रयास कर रहा है।

विद्यार्थियों को मिलेगा त्रुटिवश चयन किए गए प्रश्न पत्रों में एडिट/ परिवर्तन का मौका

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं