कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं, जो भी करे उसे पूरी लगन से अपना शत प्रतिशत दें और श्रेष्ठता के उच्चतम शिखर पर पँहुचें - कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय
अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर दूरदर्शन टी वी के प्रसिद्ध शो डी डी मॉर्निंग शो में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय जैवविविधता और करियर मार्गदर्शक के प्रमुख विशेषज्ञ के तौर पर आमंत्रित
अंतरराष्ट्रीय जैवविविधता दिवस पर दिनांक 22 मई को दूरदर्शन टी वी के प्रसिद्ध शो डी डी मॉर्निंग शो में विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय जैवविविधता और करियर मार्गदर्शक के प्रमुख विशेषज्ञ के तौर पर आमंत्रित किए गए।
श्रोता गण को संबोधित करते हुए प्रो पांडेय ने बताया कि भारत जैवविविधता का गढ़ है। यहाँ पौधों की 45,000 प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें 15,000 फूलों की प्रजातियां तथा 91,000 जीव-जन्तुओं की प्रजातियां उपलब्ध हैं। जैवविविधता का आवश्यकता से अधिक दोहन, शहरीकरण, औद्योगीकरण, विकास की परियोजनाएं, मौसम परिवर्तन, रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल से विभिन्न प्रजातियां समाप्त हुई है तथा अनेक लुप्त भी हुई है। जैव-विविधता के वैश्विक क्षेत्र का 17 प्रतिशत भाग भारत में उपलब्ध है, अतः 30 प्रतिशत जैवविविधता संरक्षण लक्ष्य प्राप्त करने हेतु भारत को जैवविविधता अनुकूल प्रबंधन (बायोडायवर्सिटी फ्रेंडली मैनेजमेंट) की आवश्यकता है।
प्रो अखिलेश कुमार पांडेय, कुलपति, विक्रम विश्वविद्यालय ने बताया कि जैवविविधता को संरक्षित करने का सबसे अच्छा उपाय उसे उसके प्राकृतिक परिवेश में संरक्षित करना है। कुलपति जी ने शोधार्थियों से प्रयोगशाला के साथ-साथ फील्ड में जाकर शोध करने एवं ऐसा शोध करने की अपील की जो उनके शहर के लिए लाभकारी हो और स्थानीय जैवविविधता के संरक्षण में सहायक हो।
कार्यक्रम के दूसरे भाग में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए माननीय कुलपति जी आज के समय के प्रमुख रोज़गारपरक पाठ्यक्रमों पर जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि विद्यार्थी अपनी रुचि के अनुसार विषय का चयन करें और यह स्मरण रखें कि कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता और विद्यार्थी जो भी करे उसे पूरी लगन और मेहनत लगा अपना शत प्रतिशत दे और श्रेष्ठता के उच्चतम शिखर पर पहुंचे।
इस उपलब्धि पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो प्रशांत पुराणिक एवं कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कुलपति जी को बधाई दी।
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