Skip to main content

एशियन बायोलॉजिकल रिसर्च फाउंडेशन द्वारा विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित

विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर में आयोजित दो दिवसीय अन्तराष्ट्रीय संगोष्ठी में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से अलंकृत   

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय को रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर में आयोजित दो दिवसीय अन्तराष्ट्रीय संगोष्ठी में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, एशियन बायोलॉजिकल रिसर्च फाउंडेशन, टीएफआरआई, जबलपुर, अमेरिकन यूनिवर्सिटी, अमेरिका, इंस्टिट्यूट ऑफ़ लर्निंग एंड डेवलपमेंट, हांगकांग, अरुणोदय यूनिवर्सिटी, ईटानगर, महाकौशल यूनिवर्सिटी, जबलपुर, एम एच कॉलेज ऑफ़ होम साइंस, जबलपुर एवं श्री गुरु तेग बहादुर कॉलेज, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान से दिनांक 5 एवं 6 मई 2023 को "नेचर एवं नेचुरल साइंस" विषय पर दो दिवसीय अन्तराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन गया, जिसमें विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय को वनस्पति विज्ञान, कवक विज्ञान एवं पर्यावरण विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कुलपति प्रो पांडेय ने नेचर एवं नेचुरल साइंस विषय पर चर्चा करते हुए बताया कि भारत में प्रकृति और प्राकृतिक विज्ञान का अत्यंत महत्त्व है, अपनी बात को बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि भारत में प्राचीन काल से ही चिकित्सा विज्ञान काफी अग्रणी रहा है, एवं हमारे देश के पास आयुर्वेद और नेचुरोपैथी के ज्ञान से कई जानलेवा रोगों के उपचार सदैव से उपलब्ध रहे हैं, जो आज के समय में पुनः प्रचलित हो रहे है। वर्तमान युग में प्रकृति संस्कृति में संतुलन आवश्यक हैं। हमारे युवा प्राचीन एवं आधुनिक विज्ञान में संतुलन बनाते हुए अनुसन्धान करें।

कुलपति प्रो पांडेय ने एशियन बायोलॉजिकल रिसर्च फाउंडेशन को अवार्ड के लिए धन्यवाद देते हुए उन सभी लोगों को भी धन्यवाद दिया जिनका उन्हें यहाँ तक पहुंचाने में अहम योगदान रहा है। 

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक ने कुलपति प्रो पांडेय की इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी। 

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि कुलपति प्रोफेसर पाण्डेय देश के प्रसिद्ध वैज्ञानिक हैं, जिनके द्वारा अनुसन्धान में किये गए महत्वपूर्ण कार्यों का विवरण कृषि एवं वनस्पति विज्ञान के क्षेत्र में उपयोगी है। प्रोफेसर पाण्डेय ने 250 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित किये हैं। कुलपति प्रो पांडेय की इस उपलब्धि पर विक्रम विश्वविद्यालय के समस्त कार्यपरिषद सदस्यों, विभागाध्यक्षों, शिक्षकगण, अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण ने उन्हें बधाई दी।

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं