इंदौर। भाषा वही आगे बढ़ती है जिसकी मांग बढ़ती रहती है। हिन्दी केवल भारत की भाषा ही नहीं रही अपितु वह पूरे विश्व की भाषा बनकर सब जगह अपनी संस्कृति का परचम फहरा रही है। हम सब का कर्तव्य हो जाता है कि अपनी भाषा को समाज और देश में स्थापित करें, जिससे दुनिया हमारी संस्कृति को समझ सके।उपरोक्त विचार भाषाविद डॉ जवाहर कर्नावट (भोपाल) ने हिन्दी परिवार इंदौर के 37वें वार्षिक सम्मान समारोह बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि हिन्दी परिवार इंदौर हिन्दी भाषा के अलावा अन्य भाषाओं के संवर्धन के लिए सराहनीय कार्य कर रहा है जो मैंने स्वंय मॉरीशस में देखा।
सम्मान समारोह में हिन्दी सेवी सम्मान वरिष्ठ साहित्यकार डॉ सरोज कुमार, पर्यावरणविद डॉ ओ पी जोशी एवँ इंदौर शहर के प्रथम राजभाषा अधिकारी श्री कांतीलाल ठाकरे को प्रदान किया गया। हिन्दी के संवर्धन के लिए कार्य कर रही खण्डवा इकाई को श्रेष्ठ इकाई सम्मान खण्डवा इकाई प्रभारी डॉ नीरज दीक्षित को प्रदान किया गया। राष्ट्रीय एवँ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के लिए स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाली कु हर्षिता दवे एवँ चित्रा गंधे को अमोघ भटनागर स्मृति युवा प्रतिभा सम्मान से विभूषित किया गया। कार्यक्रम में सन्तोष मोहन्ती, डॉ बुलाकार एवँ डॉ नीरज दीक्षित की कृतियों का लोकार्पण अतिथियों द्वारा किया गया।
अपने अध्यक्षीय उदबोधन में श्री मध्य भारत हिन्दी साहित्य समिति के श्री अरविंद जवलेकर ने कहा कि मैं हिन्दी परिवार संस्था से पिछले 25 वर्षों से परिचित हूँ।हिन्दी परिवार साहित्यकारों को जोड़ने का सिलसिला वर्षों से कर रहा है जो प्रसंशनीय है।
आरम्भ में सरस्वती वंदना डॉ शशि निगम ने प्रस्तुत की।संस्था का परिचय संस्था अध्यक्ष हरेराम बाजपेयी ने दिया।स्वागत उदबोधन वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री सदाशिव कौतुक, अतिथियों का परिचय सचिव सन्तोष मोहन्ती ने दिया।सम्मान पत्र वाचन रमेश जैन राही एवँ अरुण जैन ने किया।प्रथम सत्र का संचालन लिली डाबर द्वारा किया गया एवँ आभार माना उपाध्यक्ष श्री प्रदीप नवीन ने।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में सदाशिव कौतुक की अध्यक्षता में लगभग तीस रचनाकारों ने विविध विषयों पर आधारित अपनी काव्य रचनाओं की प्रस्तुति दी जिसका संचालन किया विनीता सिंह चौहान ने तथा आभार प्रदर्शन श्री अनिल ओझा द्वारा किया गया।इस सम्मान समारोह में श्री कृष्ण कुमार अष्ठाना, श्री राकेश शर्मा, डॉ प्रभु चौधरी श्री रामलाल प्रजापति विशेष रूप से उपस्थित थे।कार्यक्रम में इंदौर के अलावा खण्डवा, उज्जैन, महू आदि के सदस्यगण, शहर के साहित्यकार उपस्थित हुए एवँ समारोह को सफल बनाया।
Comments