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पर्यावरण को संरक्षित करना हर व्यक्ति का नैतिक दायित्व है - कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय

पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई कुलपति प्रो पांडेय ने

उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कृषि अध्ययनशाला, प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला, भौतिकी अध्ययनशाला एवं जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई।

भौतिकी अध्ययनशाला में कृषि अध्ययनशाला, प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला, भौतिकी अध्ययनशाला एवं जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 23 मई को आयोजित कार्यक्रम में कुलपति प्रोफेसर पांडेय ने विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई। गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व विक्रम विश्वविद्यालय का जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से एम ओ यू हुआ है, और एक दिन पूर्व ही विश्वविद्यालय ने जैवविविधता दिवस बनाया गया है, उसी क्रम को बढ़ाते हुए आज भौतिकी अध्ययनशाला में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण के लिए जगरूक करते हुए पर्यावरण को संरक्षित रखने की शपथ दिलवाई।


विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करते हुए माननीय कुलपति जी ने कहा कि गत दो वर्षो में विक्रम विश्वविद्यालय ने जैवविविधता के संरक्षण के लिए अपने परिक्षेत्र में अहम भूमिका निभाई है और जैवविविधता को संरक्षित करने का सबसे अच्छा उपाय उसे उसके प्राकृतिक परिवेश में संरक्षित करना है। उन्होंने यह भी कहा कि उज्जैन के जैव विविधता समृद्ध क्षेत्रों पर अधिक से अधिक वैज्ञानिक शोध होना चाहिए ताकि जैव विविधता को संरक्षित किया जा सके। कुलपति जी ने शोधार्थियों से प्रयोगशाला के साथ-साथ फील्ड में जाकर शोध करने एवं ऐसा शोध करने की अपील की जो उनके शहर के लिए लाभकारी हो। उन्होंने यह भी बताया की विश्वविद्यालय ने गत दो वर्षों में 5000 से अधिक पौधों का रोपण किया है और शीघ्र ही वन विभाग के साथ मिलकर विक्रम विश्वविद्यालय सांस्कृतिक वन का निर्माण भी होने जा रहा है। अपनी बात को बढ़ाते हुए माननीय कुलपति जी ने विद्यार्थियों से आपने विभाग और कैंपस में अधिक से अधिक पौधों का रोपण करने की अपील की और अपनी दिनचर्या में कम से कम रसायनिक पदार्थों का इस्तमाल करने की अपील की, जिससे पर्यावरण और जैवविविधता को संरक्षित किया जा सके।


उन्होंने यह भी कहा कि पर्यावरण को संरक्षित करना हर व्यक्ति का नैतिक दायित्व है, अत: सभी को इस कार्य के लिए तत्पर रहना चाहिए। कार्यक्रम में स्वागत भाषण कृषि अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर राजेश टेलर ने दिया, जिसके बाद रसायनशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रोफेसर उमा शर्मा, भौतिकी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर स्वाति दुबे और प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डॉ सलिल सिंह ने विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जगरूक किया। इस अवसर पर कृषि अध्ययनशाला, भौतिकी अध्ययनशाला एवं प्राणिकी और जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के शिक्षकगण एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे।


कार्यक्रम के सफल आयोजन पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर प्रशांत पुराणिक और कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा ने सभी संबंधित आयोजकों को बधाई दी। कार्यक्रम का संचालन डॉ पुष्पेंद्र सिंह घोष ने किया किया एवं आभार डॉक्टर शोभा मालवीय ने माना।

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