अगर अलेक्सेंडर फ्लेमिंग ने स्वयं कल्चर प्लेट्स नहीं धोई होती तो आज विश्व में एंटीबायोटिक्स ही न होती - कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय
उज्जैन। विद्यार्थियों को सही माइक्रोबियल कल्चर करने के महत्वपूर्ण टिप्स दिए कुलपति प्रो पांडेय ने
प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने दिनांक 23 मई 2023 को विद्यार्थियों को सही माइक्रोबियल कल्चर करने के टिप्स दिए।
दिनांक 23 मई 2023 को प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला औचक निरीक्षण पर पहुंचे विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने विद्यार्थियों को सही माइक्रोबियल कल्चर करने के टिप्स दिए। अक्सर देखा गया है कि विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो पांडेय एक कुशल प्रशासक के अंदर छुपे एक कुशल शिक्षक को रोक नहीं पाते, और विद्यार्थियों से संवाद स्थापित कर उनका मार्गदर्शन करते हैं। गौरतलब है कि कुलपति जी स्वयं वनस्पति और जैवप्रौद्योगिकी के आचार्य हैं और इसीलिए वे अक्सर प्राणिकी और जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के विद्यार्थियों को जैव प्रौद्योगिकी और माइक्रोबायोलॉजी के क्षेत्र से जुड़ी कठिनाइयों का समाधान करने लगते हैं। वे प्रायोगिक कार्य के लिए महत्वपूर्ण टिप्स देते हैं। शनिवार सुबह प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला आए कुलपति जी ने विद्यार्थियों को फंजाई आइसोलेशन के महत्वपूर्ण टिप्स देते हुए विद्यार्थियों से अपनी लैब की स्वच्छता बनाये रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी माइक्रोबायोलॉजी प्रयोगशाला में कार्य करने का पहला मन्त्र है कि प्रयोगशाला की स्वच्छता बनी रहे।
विद्यार्थियों को उदाहरण देते हुए माननीय कुलपति जी ने कहा कि अगर एलेग्जेंडर फ्लेमिन ने अपनी कल्चर प्लेट्स किसी और से धुलवाई होती, स्वयं न धोयी होती, तो पेनिसिलीन की खोज ही नहीं हुई होती क्योंकि पेनिसिलीन की खोज अलेग्क्सेन्डर फ्लेमिंग ने अपनी प्लेट्स धोते समय ही की थी। इसीलिए विद्यार्थी यह स्मरण रखे कि सिर्फ प्रायोगिक कार्य करना ही महत्वपूर्ण नहीं, बल्कि विद्यार्थी अपनी प्रयोगशाला की स्वच्छता को भी अनिवार्य रूप से बनाये रखे। साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को एस्परजिलस नाइजर के आइसोलेशन एवं आइडेंटिफिकेशन करना तथा उसकी परमानेंट स्लाइड बनाना सिखाया।
इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रशांत पुराणिक एवं कुलानुशासक प्रो शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि माननीय कुलपति जी सदैव ही विद्यार्थियों से जुड़े रहते हैं और विद्यार्थी उनसे सीख कर स्वयं को गौरवान्वित महसूस करते हैं। इस अवसर पर प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के विभागाध्ययक्ष डॉ सलिल सिंह सहित विभाग के शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने कुलपति जी को धन्यवाद ज्ञापित किया।
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