स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, विक्रम विश्वविद्यालय में इसरो की बस स्पेस ऑन व्हील्स का आगमन हुआ
सैकड़ों शिक्षकों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों ने जाना भारत की अंतरिक्ष में उपलब्धियों और संभावनाओं के बारे में
उज्जैन । स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में इसरो आउटरीच प्रोग्राम के अंतर्गत स्पेस ऑन व्हीलस बस का आगमन प्रतिकल्पा उत्कर्ष 2023, करियर काउंसलिंग, जॉब फेयर एवं प्रवेश उत्सव के अंतर्गत हुआ।
इसरो एवं विज्ञान भारती, नई दिल्ली संस्था के मध्य हुए एमओयू के अंतर्गत इसरो एवं विज्ञान भारती सम्पूर्ण भारतवर्ष में विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में जागरूकता लाने हेतु छह बसों स्पेस ऑन व्हीलस का निर्माण इसरो, हैदराबाद द्वारा किया गया है। ये बसें संपूर्ण भारत के सुदूर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में घूम कर भारत की आम जनता, शिक्षकों, विद्यार्थियों, शोधार्थियों में अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने एवं वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा दे रही है। इसके तहत यह बस स्पेस ऑन व्हीलस, भोपाल से उज्जैन पहुंची है और आगामी 2 दिवस उज्जैन में ही रहेगी। सोमवार को विक्रम विश्वविद्यालय परिसर में यह बस प्रदर्शनी हेतु उपलब्ध थी। मध्यप्रदेश में इस स्पेस ऑन व्हीलस बस का संचालन एमपीसीएसटी (मध्यप्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी परिषद) भोपाल द्वारा किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में एमपीसीएसटी की ओर से टेक्निकल ऑफिसर श्री सुनील कुमार इस यात्रा के मध्य प्रदेश प्रभारी हैं, जो बस के साथ मध्यप्रदेश में यात्रा कर रहे हैं। साथ ही श्री विकास यादव, आर आई एमपीसीएसटी भोपाल इस बस के इंचार्ज है एवं श्री इंद्रेन्द्र सिसोदिया, रिसर्च फेलो उज्जैन तारामंडल एवं डोंगला वेधशाला जानकारी दे रहे हैं। इस बस के माध्यम से भारत की अंतरिक्ष विज्ञान में उपलब्धि और वैज्ञानिक जागरूकता लाई जा रही है और विद्यार्थियों एवं नागरिकों को संपूर्ण जानकारी विस्तृत रूप में प्रदान की जा रही है। विक्रम विश्वविद्यालय की ओर से स्पेस ऑन व्हील बस का प्रोजेक्ट इंचार्ज माननीय कुलपति विक्रम विश्वविद्यालय प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय के द्वारा स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के डायरेक्टर प्रो डी डी बेदिया को बनाया गया। उनके द्वारा माननीय कुलपति विक्रम विश्वविद्यालय प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय के निर्देशन में इस बस प्रदर्शनी की पूरी रूपरेखा बनाई गई, जिसके अंतर्गत एक समिति का गठन किया गया है। साथ ही प्रयास किए गए हैं कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को अधिकाधिक इस बस का लाभ मिल सके, जिसके तहत प्रतिकल्पा उत्कर्ष करियर काउंसलिंग, प्रवेश उत्सव एवं जॉब फेयर के कार्यक्रम में बस प्रदर्शनी का स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में स्थान निश्चित किया गया।
स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी विक्रम विश्वविद्यालय की ओर से इस बस का स्वागत विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक, कार्यपरिषद सदस्य श्री संजय नाहर, विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा, विश्वविद्यालय के विद्यार्थी कल्याण संकायाध्यक्ष प्रो एस के मिश्रा, स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के डायरेक्टर प्रो डी डी बेदिया, श्रीमती नेहा सिंह एवं श्री खेमराज बैरागी एचओडी मेकेनिकल डिपार्टमेंट एवं आईआईआरएस इसरो के एसओइटी के इंचार्ज ने किया।
इस सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की फैकल्टी अमृता शुक्ला द्वारा किया गया। इंद्रेन्द्र सिसोदिया एवं सुनील कुमार द्वारा बस के अंदर सभी मॉडल्स को विस्तृत एवं प्रभावी रूप से विद्यार्थियों एवं जनता को समझाया गया।
स्पेस ऑन व्हील बस ने अलग-अलग लॉन्च वाहनों के विभिन्न प्रदर्शित अलग-अलग सेटेलाइट के बारे में विस्तृत रूप में मॉडल्स के रूप में दर्शाया गया है। इसमें इसरो के अप्रतिम इतिहास को दिखाया गया है कि किस तरह इसरो लघु रूप से चलकर इस स्वर्णिम युग तक पहुंचा है और पृथ्वी से चंद्रमा, चंद्रमा से मंगल और मंगल से और आगे अंतरिक्ष की यात्रा की ओर अग्रसर है। इसरो के बारे में इस बस में एक बहुत ही अच्छी डॉक्यूमेंट्री फिल्म प्रदर्शित की जाती है। इसरो के ऐतिहासिक कार्यों को एक प्रदर्शनी के माध्यम से फैलाना आसान नहीं था इसीलिए इसरो ने यह निर्णय लिया कि जनता हमारे पास नहीं आ सकती, किंतु हम जनता के पास जाएंगे और छात्रों और आम जनता तक इसरो के स्वर्णिम इतिहास के बारे में एवं भविष्य के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के बारे में सभी को अवगत कराएंगे। इस तरह हर भारतीय अपने देश पर अपने देश के वैज्ञानिकों पर गर्व महसूस करेगा एवं छात्रों को इसरो एवं अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में करियर के अवसर प्रदान करने के बारे में जानकारी भी उपलब्ध कराई जाएगी।
स्पेस ऑन व्हील्स बस की प्रदर्शनी का सोशल मीडिया फेसबुक ग्रुप उज्जैन वाले ग्रुप के माध्यम से मनीष शुक्ला के द्वारा लाइव प्रसारण भी किया गया जिससे कि उज्जैन की जनता अधिक से अधिक इस बस का लाभ उठा सकें।
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