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संगठन के सुचारु रूप से संचालित होने के लिए अधिकारियों एवं कर्मचारियों में ताल मेल आवश्यक - कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय

उज्जैन: विक्रम विश्वविद्यालय सी एम हेल्पलाइन में गई शिकायतों का आपसी सहमति से निराकरण करवाने में अग्रणीय रहा है।            

विक्रम विश्वविद्यालय लगभग 350 एकड़ भूमि में फैला एक विशाल एवं समृद्ध विश्वविद्यालय है। यहाँ हजारों की संख्या में विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। पैंसठ वर्षों से अधिक अवधि से यह विश्वविद्यालय विद्यार्थियो को उच्चतम शिक्षा दे रहा है और हर प्रकार से विद्यार्थियो के हित के लिए समर्पित है। हाल ही में विश्वविद्यालय का एक ऐसा पक्ष सामने आया है, जिससे विद्यार्थियो के भविष्य के प्रति विश्वविद्यालय की सजगता प्रदर्शित होती है। सी एम हेल्पलाइन से प्राप्त शिकायतों का निर्धारित समय अवधि के अंदर विश्वविद्यालय द्वारा त्वरित निराकरण किए जाने के कारण आज मध्य प्रदेश में विक्रम विश्वविद्यालय की सी एम हेल्पलाइन में शिकायतों की संख्या अन्य विश्वविद्यालयों की तुलना में सबसे कम है, जिसके लिए विश्वविद्यालय की सभी स्तरों पर प्रसंशा की जा रही है। इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने कहा कि किसी भी संगठन के सुचारु रूप से संचालित होने के लिए यह अनिवार्य है कि उसके सभी अधिकारी एवं कर्मचारी सब को साथ ले कर परस्पर  ताल मेल बिठाकर संगठन को उच्चतम स्तर पर ले जाएँ।  व्यक्ति कितना भी श्रेष्ठ हो, गुणवान हो परंतु अगर वह अपने सह कर्मचारियों के साथ ताल मेल नहीं बिठा सकता तो उसके गुणों का कोई अर्थ नहीं रह जाता। उन्होंने कहा कि उन्हें अत्यंत हर्ष है कि विक्रम विश्वविद्यालय के प्रशासन ने अपनी सूझ-बूझ का परिचय देते हुए विद्यार्थियों की समस्याओं का त्वरित निराकरण किया।

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर प्रशांत पुराणिक ने बताया कि विक्रम विश्वविद्यालय को शिकायत निराकरण में शासन द्वारा दी गई श्रेणी में ए वरीयता प्राप्त हुई है और संतोष की बात यह है कि इन सभी शिकायतों का निराकरण दोनो पक्षों की सहमति से हुआ है। विक्रम विश्वविधालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी सदैव छात्र हित को समर्पित हैं, अतः विश्वविद्यालय सदैव विद्यार्थियों की सहायता के लिए कटिबद्ध है।

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