उज्जैन। वेद नगर स्थित ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा पांच दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया जिसके द्वितीय सत्र में 18 मई 2023 को राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी ने बताया कि श्रीमद्भागवत गीता मनो युद्ध को दर्शाने वाला एक सर्वश्रेष्ठ मनोवैज्ञानिक शास्त्र है। साथ ही दीदी जी ने बताया कि इस सृष्टि रंगमंच पर दो प्रकार की मनोवृति वाले लोग होते हैं। आसुरी वृत्ति और देवी वृत्ति । पांच पांडव देवी वृत्ति का प्रतीक जो सृष्टि पर केवल 1% ही है।
अतः दीदी जी ने महाभारत के सभी पात्रों का अध्यात्मिक भावार्थ बताएं।
पांडव माना मन का अंतर्द्वंद की स्थिति।
कौरव माना संसार की राष्ट्रीय स्थिति।
यदुवंश अर्थात एशिया अमेरिका का अहंकार का प्रतीक है।
- युधिष्ठिर -जीवन रूपी युद्ध में स्थिर रहने वाला
- भीम -परिस्थितियों को जड़ से उखाड़ फेंकने की शक्ति विल पावर।
- अर्जुन -ज्ञान अर्जित करना हां जी का भाव रखने वाला।
- नकुल -नियमों पर चलने वाला संयमित।
- सहदेव -सदैव सहयोगी बनना।
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