उज्जैन। स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के तत्वावधान में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 11 मई को उपलक्ष्य में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के शुभारंभ में भगवान विश्वकर्मा जी का पूजन - अर्चन किया गया। तत्पश्चात् कार्यक्रम में पधारे समस्त अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ द्वारा किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय कुलपति प्रोफ़ेसर अखिलेश कुमार पांडेय विक्रम विश्वविद्यालय ने की। मुख्य अतिथि विद्यार्थी कल्याण संकायाध्यक्ष प्रोफेसर सत्येंद्र कुमार मिश्रा एवं विशिष्ट अतिथि डॉ सुशील शर्मा, पत्रकारिता एवं ज़नसंचार अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय थे । अतिथियों का स्वागत स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के समन्वयक डॉक्टर वी. के. सक्सेना द्वारा किया गया।
कुलपति प्रोफ़ेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस को मनाने का उद्देश्य बताया । आज ही के दिन 1999 में पोकरण में न्यूक्लियर बम का सफलता पूर्वक परीक्षण किया गया था, जिसके कारण संपूर्ण विश्व ने भारत की तकनीकी क्षमता का लोहा माना था। इसी दिन के उपलक्ष्य में पूर्व प्रधानमंत्री माननीय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाने का प्रस्ताव दिया। कुलपति जी ने कहा कि हमारे पुरातन समय में कई महान वैज्ञानिक हुए है। हमें उनके योगदान का स्मरण करना चाहिए। उनके द्वारा दिए गए सिद्धांत और उपलब्धि को हमें अपने जीवन मे उपयोग करना चाहिए।
संस्थान के समन्वयक डॉ विष्णु कुमार सक्सेना ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर प्रकाश डालते हुए उपस्थित विद्यार्थिओं को बताया कि राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का महत्व इस तथ्य से और बढ़ जाता है कि इस दिन भारत में प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल हुईं। दशकों पहले, भारत परमाणु हथियार रखने वाले दुनिया के कुछ देशों में से एक बन गया, अपने पहले स्वदेशी विमान हंसा -3 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, और 11 मई को त्रिशूल मिसाइल का परीक्षण किया। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस उन शोधकर्ताओं, इंजीनियरों और वैज्ञानिकों के योगदान का सम्मान करने के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, जिन्होंने प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस समय हमें टेक्नोलॉजी ने हर तरफ से घेर रखा है, हमारी हर जरुरत को पूरा करने में टेक्नोलॉजी हमारी मदद करती है । इंसान टेक्नोलॉजी पर निर्भर होता जा रहा है, जिसके पीछे का कारण है कि टेक्नोलॉजी हमारे हर काम को बेहतर और आसान बनाने में हमारी सहायता करती है। किसी देश या देश के नागरिकों को विकास करने के लिए टेक्नोलॉजी की बहुत ज्यादा जरुरत है। इस शताब्दी के दौर में अगर कोई देश आगे बढ़ना चाहता है, तो उसे टेक्नोलॉजी रूपी वाहन की जरुरत आवश्यकता पड़ेगी, अन्यथा उस देश की विकास दर में दीमक लग जाएगा। तकनीक हमारा ऐसा अभिन्न अंग बनती जा रही है जिसके बिना हमारे भविष्य की कल्पना करना नामुमकिन है। लेकिन इसके लिए हमें संतुलन एवं जागरूकता की भी आवश्यकता है, इस समय समाज का हर पहलू टेक्नोलॉजी से जुड़ता जा रहा है, इसलिए जरुरी है कि हम भी टेक्नोलॉजी के साथ कदम से कदम मिलकर चलें क्योंकि इस समय टेक्नोलॉजी ही विकास करने का सबसे अच्छा रास्ता है।
मुख्य अतिथि विद्यार्थी कल्याण संकायाध्यक्ष प्रोफेसर सत्येन्द्र कुमार मिश्रा ने अपने वक्तव्य में प्रौद्योगिकी दिवस का महत्व बताया । विद्यार्थियों को वैज्ञानिकों के बारे में समझाया और उनके द्वारा तकनीकी शिक्षा में उनके जीवन से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि हमें भी अपने उद्देश्य को निर्धारित कर अंतिम लक्ष्य पाने तक कोशिश करते रहना चाहिए ।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ सुशील कुमार शर्मा ने बताया कि हमें इंजीनियरिंग विद्यार्थिओ को अधिक से अधिक प्रैक्टिकल का भी ज्ञान देना चाहिए, जिससे वे इनोवेशन पर ध्यान दे। अब्दुल कलाम साहब के जीवन से प्रेरणा लेकर विद्यार्थियों को हमारे समाज एवं देश के लिए कार्य करना चाहिए।
कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन संस्थान के समन्वयक डॉ विष्णु कुमार सक्सेना द्वारा किया गया ।
कार्यक्रम का संचालन सुश्री अमृता शुक्ला ने किया। इस अवसर पर समस्त शिक्षक, स्टाफ सहित विद्यार्थीगण मौजूद रहे।
Comments