डिजिटल टेक्निक के प्रयोग से शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम हासिल करते हुए शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाया जा सकता है- कुलपति प्रो पांडेय
कुलपति प्रोफेसर पांडेय ने दो दिवसीय कार्यशाला में दिया विशिष्ट व्याख्यान
एनईपी और ओडीएल पर भोज मुक्त विश्वविद्यालय, भोपाल में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे डिजिटलीकरण से होने वाले फायदे एवं नुकसान के सम्बन्ध में प्रकाश डाला। भोज मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा इम्प्लीमेंटेशन ऑफ नेशनल एजुकेशन पालिसी 2020 : अप्रोचेस, अपॉर्चुनिटी एंड चैलेंजेस फॉर ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग एजुकेशनल इंस्टिट्यूट विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने कहा कि बदलते परिवेश के साथ शिक्षा सर्वव्यापी और बहुआयामी हो रही है। इसकी प्रकृति भी समय के साथ और लचीली होती जा रही है और इसी कारण शैक्षणिक संस्थानों को भी समय के साथ प्रयोगधर्मी एवं लचीला होना पड़ रहा है। अपनी बात को बढ़ाते हुए कुलपति प्रो पांडेय ने कहा कि दूरस्थ शिक्षा एवं ओ डी एल एक ऐसा माध्यम रहा है जिसने निःसंदेह शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति का संचार किया है, किन्तु इसका उपयोग सही ढंग से होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सेल्फ लर्निंग मटेरियल अच्छी गुणवत्ता का होना चाहिए और विद्यार्थियों के लिए आसानी से उपलब्ध होना चाहिए, जो विद्यार्थियों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में लाभान्वित कर सके।
कुलपति प्रो पांडेय ने शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल तकनीकों के उपयोग पर प्रकाश डालते हुए कहा कि निश्चित तौर पर डिजिटल टेक्निकों के समन्वय से शिक्षण के तरीकों को एक नवीन दिशा एवं दशा मिली है। इसके साथ यह ध्यान में रखना अनिवार्य है कि डिजिटल टीचिंग मोड विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को प्रभावित न करे और इसके लिए अनिवार्य है कि विद्यार्थी अपनी दिनचर्या में नियमित योग एवं व्यायाम को जोड़ें। इससे वे मानसिक और शारारिक रूप से स्वस्थ्य रहेंगे।
इस अवसर पर कुलपति जी के अतिरिक्त अनेक शिक्षाविद एवं मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर एस पी गौतम, आर जी पी वी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुनील कुमार गुप्ता, बी आर आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सीताराम राव, भोज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संजय तिवारी एवं शुल्क विनियामक समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर रविंद्र कान्हरे उपस्थित थे।
इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो प्रशांत पुराणिक ने बताया कि बदलते समय के साथ विक्रम विश्वविद्यालय ने भी अपने शिक्षण में डिजिटल मेथड्स को शामिल किया है जिसके सकारात्मक परिणाम भी रहे हैं। आगे भी विश्वविद्यालय इस पथ पर सक्रियता से अग्रसर रहेगा।
Comments