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श्री इच्छापूर्ति गणेश मंदिर पांच दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के समापन दिवस पर माननीय उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में 108 दीपकों से हुई महाआरती

 विक्रम विश्वविद्यालय प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग स्थित श्री इच्छापूर्ति गणेश मंदिर पांच दिवसीय प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव सम्पन्न

3 मई से प्रारम्भ हुए महोत्सव में 7 मई को हुआ विक्रम विश्वविद्यालय की प्रगति हेतु विशेष हवन

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला स्थित प्राचीन श्री इच्छापूर्ति गणेश मंदिर के जीर्णोद्धार पश्चात पुनः प्राण प्रतिष्ठा समारोह दिनांक 3 से 7 मई तक सम्पन्न हुआ। अंतिम दिवस रविवार को प्रातः पूजन, अभिषेक तथा विक्रम विश्वविद्यालय की प्रगति हेतु विशेष हवन किया गया। इस अवसर पर 108 दीपकों से महाआरती की गई। यह कार्यक्रम माननीय उच्च शिक्षा मंत्री म.प्र. शासन डा. मोहन यादव एवं कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय के आतिथ्य में संपन्न हुआ। यज्ञ में मुख्य यजमान के रूप में कार्यपरिषद सदस्य श्री संजय नाहर और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती  संगीता नाहर ने भाग लिया। समस्त  पूजन एवं विधान पं. अनिल तिवारी एवं उनके सहयोगियों द्वारा कराया गया।  

कई दशक पूर्व परिसर में स्थापित इच्छापूर्ति गणेश की दिव्य प्रेरणा से कार्यपरिषद सदस्य श्री संजय नाहर ने इस मंदिर के जीर्णोद्धार का संकल्प लिया था। 

प्राण प्रतिष्ठा समारोह श्री इच्छापूर्ति गणेश की मंदिर समिति एवं विक्रम विश्वविद्यालय की प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला द्वारा आयोजित होकर कार्यक्रम संयोजक एडव्होकेट संजय नाहर सदस्य, विक्रम विश्वविद्यालय कार्यपरिषद एवं डा. सलिलसिंह विभागाध्यक्ष, कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक, समस्त कार्यपरिषद सदस्यों श्री राजेशसिंह कुशवाह, श्री सचिन दवे, डॉ विनोद यादव, डॉ कुसुमलता निगवाल, श्रीमती ममता बेण्डवाल, अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा डॉ अर्पण भारद्वाज, विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो. शैलेन्द्र कुमार शर्मा, डॉ क्षमाशील मिश्रा, डॉ सर्वेश्वर शर्मा, प्रो संदीप तिवारी, प्रो कमलेश दशोरा, विभाग के समस्त प्रोफेसर, अतिथि विद्वानों, कर्मचारियों आदि सुबह-शाम सैर करने वाले मिश्रीलाल चौधरी, महिपालसिंह चौहान, ओमप्रकाश सोमानी, शैलेन्द्र कलवाडिया, विवेक जायसवाल, बालाराम जाट, हेमन्त सोनोने, सुनील विजयवर्गीय, अशोक चौधरी, हेमन्त व्यास आदि ने महोत्सव में सम्मिलित होकर धर्म लाभ लिया।   

प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अंतर्गत प्राण-प्रतिष्ठा विधान धान्यादि वास, संपूर्ण पूजन एवं शृंगार हुआ। समारोह के दौरान 4 मई को श्री गणेश पूजन एवं अभिषेक, 5 मई को श्री गणेश पूजन एवं रूद्राभिषेक, 6 मई को गणेश पूजन, श्री नवग्रह पूजन एवं विशेष अभिषेक तथा सायं 6 बजे से सुन्दरकांड का पाठ किया गया। समापन दिवस के पूर्व श्री गणेश पूजन, नवग्रह पूजन के साथ पुष्पादिवास एवं पंचपल्लवादिवास विधान हुआ। 

इसके अंतर्गत पांच वृक्षों पीपल, नीम, चंदन, आम एवं अशोक के पत्तों से भगवान को ढक कर पूजन विधि संपन्न हुई। तत्पश्चात श्री गणेश का सुंदर शृंगार किया गया।   

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