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नई कार्य संस्कृति को विकसित करने के लिए आगे आएं शिक्षक – कुलपति प्रो पांडेय

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो पांडेय एवं पदोन्नत शिक्षकों का सारस्वत सम्मान किया गया  

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की हिंदी अध्ययनशाला एवं पत्रकारिता और जनसंचार अध्ययनशाला के संयुक्त तत्वावधान में सुधी शिक्षक प्रो जगदीश चंद्र शर्मा के आचार्य पद पर एवं प्राध्यापक डॉ प्रतिष्ठा शर्मा सहित विभिन्न विभागों के शिक्षकों की पदोन्नति के अवसर पर उनका सारस्वत सम्मान प्रसंग कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति प्रो रामराजेश मिश्र थे। 

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ शिव चौरसिया, हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, प्रो प्रेमलता चुटैल, प्रो गीता नायक, प्रो जगदीश चंद्र शर्मा, डॉ प्रतिष्ठा शर्मा ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय को शॉल, श्रीफल एवं साहित्य अर्पित कर उनका सारस्वत सम्मान उनके अविस्मरणीय अवदान के लिए अतिथियों द्वारा किया गया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय ने विश्वविद्यालय के सभी पदोन्नत शिक्षकों को बधाई दी। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि विश्वविद्यालय में नई कार्य संस्कृति को विकसित करने के लिए शिक्षकगण आगे आएं। जब भी हमें कोई पद या जिम्मेदारी मिलती है तो हम उस कर्तव्य का समर्थ ढंग से निर्वाह करें। अपने दायित्वों के समुचित पालन से ही हम अपने विश्वविद्यालय को और अधिक उन्नत और समृद्ध बना सकते हैं। उन्होंने उज्जैन और सम्राट विक्रमादित्य के गौरवपूर्ण इतिहास एवं  संस्कृति की चर्चा करते हुए कहा कि हमें गौरव का अनुभव करना चाहिए हम इतने पराक्रमी राजा की भूमि पर हैं और उसका समृद्ध  इतिहास रहा है। इससे प्रेरित होकर  विश्वविद्यालय के विकास में अपना योगदान देना चाहिए। उन्होंने विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद के साथ विश्वविद्यालय के विकास में जुटे सभी लोगों का आभार ज्ञापित किया। 

आयोजन के मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति प्रो रामराजेश मिश्र ने कहा कि अनेक नवीन पाठ्यक्रमों को प्रारम्भ करने के साथ ही कई नवाचारों के माध्यम से विक्रम विश्वविद्यालय ने आज देश - प्रदेश में अपनी खास पहचान बना ली है। इसके गौरवशाली अतीत से जुडने के साथ नई संकल्पनाओं को आकार देने के लिए सभी लोग आगे आएं। 

विश्वविद्यालय में हाल ही में पदोन्नत हुए शिक्षकों प्रो जगदीश चंद्र शर्मा, प्रो सत्येंद्र किशोर मिश्रा, प्रो दीनदयाल बेदिया, प्रो बी के आंजना, प्रो धर्मेंद्र मेहता, प्रो कमलेश दशोरा, डॉ क्षमाशील मिश्रा, डॉ संग्राम भूषण, डॉ वीरेंद्र चावरे, डॉ गणपत अहिरवार, डॉ मेघा पांडे, डॉ सलिल सिंह, डॉ राज बोरिया, डॉ विश्वजीत सिंह परमार आदि को अंग वस्त्र एवं पुष्पमाल अर्पित कर उनका सारस्वत सम्मान किया गया। 

इस अवसर पर अतिथियों ने अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका अक्षर वार्ता के विशेषांक का लोकार्पण किया। लोकार्पण प्रधान संपादक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा एवं संपादक डॉ मोहन बैरागी ने करवाया। अवसर पर प्रो अचला शर्मा, प्रो उमा शर्मा, डॉ सुशील शर्मा, डॉ मोहन बैरागी, डॉ महेंद्र पंड्या, डॉ अजय शर्मा, डॉ श्वेता पंड्या आदि सहित अनेक शिक्षक, साहित्यकार, शोधार्थी और विद्यार्थी उपस्थित थे। सरस्वती वंदना श्री मोहन तोमर ने की।

कार्यक्रम का संचालन श्री मोहन तोमर ने किया। आभार प्रदर्शन प्रो दीनदयाल बेदिया ने किया।














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